मध्य प्रदेश के रतलाम की होमगार्ड कॉलोनी में शादी के दौरान पुलिस ने डीजे को बंद करवा दिया तो दूल्हा पूरी बारात समेत थाने पहुंच गया. और दुल्हन को पुलिस स्टेशन बुलाकर वहीं सात फेरे लेने की बात करने लगा. पुलिस ने उन लोगों को काफी समझाने की कोशिश की. लेकिन दूल्हा और बाराती अपनी जिद पर अड़े रहे.
आखिरकार ASP के मान-मनौव्वल और अन्य अफसरों की समझाइश के बाद रात में डीजे बुलवाया गया. इसके बाद दूल्हे को बारात समेत रवाना किया गया. जानकारी के अनुसार, होमगार्ड कॉलोनी में आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाले सुनील कटारा की शादी थी.
परंपरा के अनुसार मामेरा कार्यक्रम के बाद प्रोसेशन निकलना था. प्रोसेशन के दौरान दूल्हा घोड़ी पर बैठा. जुलूस में डीजे भी बज रहा था. इसी बीच, पुलिसकर्मियों ने ये कहते हुए डीजे बंद करवा दिया कि आसपास पुलिस अफसरों के निवास हैं. यहां तेज आवाज में डीजे बजाने की अनुमति नहीं है. इसी बात पर दूल्हा सुनील भड़क गया. बारातियों का कहना था कि गरीब को नियम बताकर डीजे बंद करवा दिया, जबकि बाजार और मैरिज गार्डन में रात को बैंड बाजे के साथ बारात निकलती है, तब कार्रवाई नहीं होती.
रात में दोबारा वापस बुलाया डीजे
वह बारात और घोड़ी लेकर थाने पहुंच गया. यहां टीआई समेत दूसरे अफसरों ने भी दूल्हे को समझाया, लेकिन उसने उनकी एक ना सुनी. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. आखिरकार एएसपी इंद्रजीत बाकलवार ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने रात 11:30 बजे दोबारा डीजे बुलवा कर कम आवाज में बारात निकालने को कहा. इसके बाद रात 12 बजे दूल्हे के साथ बारात वापस होमगार्ड कॉलोनी पहुंची. जानकारी मिलने पर सीएसपी हेमंत चौहान भी थाने पहुंचे. सीएसपी का कहना था कि रात 10 बजे डीजे बंद करवाने के निर्देश दिए थे. किसी विशेष स्थान बताकर कार्रवाई के लिए नहीं कहा था.