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सिंहस्थः अंतिम शाही स्नान के दौरान भिड़े साधु-संत, पुलिस ने किया बीचबचाव

उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ में अंतिम शाही स्नान के दिन शनिवार को कनकेश्वरी देवी के पट्टाभिषेक समारोह के दौरान कुछ साधुओं के बीच मामूली बात को लेकर आपस में विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि साधुओं के बीच जमकर मारपीट हो गई. इसके बाद मामले में पुलिस को बीचबचाव करना पड़ा.

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कुंभ में डुबकी लगाने के लिए घाट पर मौजूद साधु-संत
कुंभ में डुबकी लगाने के लिए घाट पर मौजूद साधु-संत

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उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ में अंतिम शाही स्नान के दिन शनिवार को कनकेश्वरी देवी के पट्टाभिषेक समारोह के दौरान कुछ साधुओं के बीच मामूली बात को लेकर आपस में विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि साधुओं के बीच जमकर मारपीट हो गई. इसके बाद मामले में पुलिस को बीचबचाव करना पड़ा.

कनकेश्वरी देवी के पट्टाभिषेक समारोह में मारपीट
जानकारी के मुताबिक सिंहस्थ महाकुंभ के मुल्लापुरा चौराहे पर मां कनकेश्वरी का पांडाल है. अग्नि अखाडे की ओर से कनकेश्वरी को अपने अखाडे की पहली महिला महामंडलेश्वर बनाया गया. इसके लिए उनके पांडाल में पट्टाभिषेक समारोह आयोजित हो रहा था. इसमें सैकड़ों संत, साधु, जनप्रतिनिधि और हजारों श्रद्धालु मौजूद थे.

पुलिस की दखल से शांत हुआ मामला
समारोह के दौरान कुछ साधु-संतों में जल बरसाने की मामूली बात पर कहासुनी हो गई. अचानक विवाद इतना बढ गया कि कहासुनी झड़प में और देखते ही देखते झड़प मारपीट में तब्दील हो गई. मामले को बढता देख पुलिस को बीच में आना पड़ा. इसके बाद हालात पर काबू पाया जा सका.

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वैषाख पूर्णिमा के स्नान के साथ ही शनिवार को उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ समापन हो जाएगा. पहली बार सुबह तीन बजे से उज्जैन में साधुओं का शाही स्नान शुरू हो गया है. शैव और वैष्णव अखाड़े के लिए अलग-अलग घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है.

विभिन्न अखाड़ों के नगा साधुओं ने 'हर हर महादेव' के घोष के साथ पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान करके इसकी शुरुआत की. इस अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए देश के कई हिस्सों से जन सैलाब उमड़ पड़ा है. उज्जैन की सभी सड़कें श्रद्धालुओं से पटी पड़ी हैं और पवित्र स्नान के उद्देश्य से क्षिप्रा नदी के तट पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची है.

पवित्र स्नान के लिए रामघाट को सजाया गया है, जहां जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नगा साधु अपने-अपने ध्वज, ईष्टों एवं पारंपरिक प्रतीकों के साथ तड़के से ही शाही स्नान कर रहे हैं. लोग देश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं.

11 बजे से आम श्रद्धालुओं का स्नान
इस बार अखाड़ा परिषद की मीटिंग के बाद शैव और वैष्णव अखाड़ों के लिए अलग-अलग घाट की व्यवस्था की गई है. सुबह 11 बजे तक सभी अखाड़ों के शाही स्नान पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद ये घाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. स्नान पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. दत्त आखाड़ा घाट पर सुबह 7 बजे और राजघाट पर सुबह 11 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा.

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जुलूस को लेकर भी बनी सहमति
अखि‍ल भारतीय अखाड़ा परिषद की प्रशासन के साथ अमृत स्नान को लेकर गुरुवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय में बैठक हुई. साधु-संतों ने 30 मई तक अखाड़ों को मेला क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का अनुरोध भी किया. बैठक की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्रगिरिजी ने की.

इसके साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि महामंडलेश्वर अकेले ही स्नान करें, क्योंकि उनके साथ अधिक मात्रा में अनुयायी आ जाते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य व्यव्स्था करने में दिक्कत आती है. जुलूस में बैंड-बाजे और वाहन सीमित रखने पर भी सहमति बनी.

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