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व्यापम घोटालाः बयान पर फंसी एमपी पुलिस, RSS नेताओं को क्लीनचिट देने पर सवाल

क्या व्यापम घोटाले में संघ नेताओं को बचाने की कोशिश हो रही है. शनिवार मध्यप्रदेश पुलिस ने जो बयान जारी किया है, उससे पुलिस की मंशा पर सवाल उठते हैं क्योंकि आज तक के पास जो एसटीएफ को दिया गया आरोपी मिहिर का बयान है उसमें साफ लिखा है कि मिहिर ने पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन से परीक्षा में पास कराने के लिए पैरवी करने को कहा था

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क्या है व्यापम घोटाले का सच?
क्या है व्यापम घोटाले का सच?

क्या व्यापम घोटाले में संघ नेताओं को बचाने की कोशिश हो रही है. शनिवार मध्यप्रदेश पुलिस ने जो बयान जारी किया है, उससे पुलिस की मंशा पर सवाल उठते हैं क्योंकि आज तक के पास जो एसटीएफ को दिया गया आरोपी मिहिर का बयान है उसमें साफ लिखा है कि मिहिर ने पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन से परीक्षा में पास कराने के लिए पैरवी करने को कहा था और इसके बाद सुदर्शन जी मध्यप्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी से बात की थी.

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वहीं मध्यप्रदेश पुलिस ने जो बयान जारी किया है उसमें सोनी और सुदर्शन को बेदाग करार दे दिया गया है. मध्यप्रदेश पुलिस के बयान में साफ कहा गया है कि व्यापम घोटाले में सुदर्शन और सुरेश सोनी का नाम जोड़ना निराधार है, मीडिया की कयासबाजी है. आपको बता दें कि इन नेताओं का नाम किसी और ने नहीं घोटाले के एक आरोपी मिहिर ने लिया था. एमपी पुलिस ने जिस आनन-फानन में इन नेताओं को क्लीन चिट दी उससे कई सवाल उठने लगे हैं.

एसटीएफ को दिए बयान में घोटाले के एक आरोपी मिहिर ने माना था कि उसके संघ के नेताओं से गहरे ताल्लुकात हैं और वो सुरेश सोनी का आदमी है. मिहिर ने एसटीएफ को दिए बयान में सुरेश सोनी के साथ सुदर्शन का भी नाम लिया था.

उधर आरोपों में घिरे संघ नेता सुरेश सोनी का कहना है कि इस मामले पर मीडिया ट्रायल बंद हो. सुरेश सोनी की माने तो उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है. संघ प्रमुख मोहन भागवत से जब पूछा गया तो उनका सिर्फ यही कहना था कि कानून अपना काम करेगा.

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सवाल उठता है कि जब घोटाले का आरोपी एसटीएफ के सामने संघ नेताओं का नाम ले रहा है तो फिर पूरे मामले की तहकीकात किए बगैर उन्हें क्लीन चिट क्यों?

व्यापम घोटाले में कांग्रेस ने सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके रिश्तेदारों को भी घसीटा है और अब सवालों के घेरे में हैं संघ के दो बड़े नेता. लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस ने जिस जल्दबाजी में दोनों को क्लीन चिट दी है उस पर सवाल उठना लाजिमी है.

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