सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री पद के दो संभावित उम्मीदवारों- राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी को सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि यदि इनमें सेवा भाव होता और देश के बारे में सोचते तो जन लोकपाल लागू हो जाता और नरेंद्र मोदी भी गुजरात में जन लोकपाल लागू कर सकते थे.
अन्ना ने कहा की जनता की भागेदारी से ही सही नेता का चुनाव हो सकता है. अन्ना पिछले छह दिनों से मध्यप्रदेश की जनतंत्र यात्रा पर हैं. उन्होंने ये यात्रा रीवा से शुरू की है.
एक समय था जबकि अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन के बेहतरीन दिनों में नरेंद्र मोदी के अच्छे शासन की तारीफ की थी. उसके बाद, उनके तब के साथी अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि मोदी की तारीफ करना अन्ना की भूल थी. उसके बाद से ही केजरीवाल और अन्ना दोनों ने नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली है.
अन्ना हजारे के आज के शब्द इस तरह हैं, 'क्या राहुल गांधी क्या मोदी अगर इनके दिमाग में देश होता, समाज होता, सेवा भाव होता तो जन लोकपाल के लिए इतनी देर लगती क्या? नरेंद्र मोदी क्या गुजरात में जन लोकपाल नहीं बना सकते थे? तो क्या नरेंद्र मोदी, क्या राहुल गांधी पक्ष और पार्टी देश को भविष्य नहीं देगी. अभी हम ये चाहते हैं जो पन्त प्रधान (प्रधानमंत्री) बनना है, राष्ट्रपति बनना है, उसका चुनाव पूरे लोगों ने करना चाहिए.