मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक सरकारी स्कूल में सावरकर की तस्वीर वाली किताब बंटने का मामला स्कूल के प्रिंसिपल पर भारी पड़ गया है.
सरकारी स्कूल में सावरकर की फोटो वाली किताब बंटने पर उज्जैन संभागायुक्त अजीत कुमार ने स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है.
पिछले साल नवम्बर में रतलाम जिले के मलवासा शासकीय स्कूल में एक एनजीओ द्वारा छात्रों के बीच सावरकर के तस्वीर वाली किताब बांटी गई थी लेकिन इसकी शिकायत जब स्थानीय प्रशासन के पास पहुंची तो इसकी जांच की गई.
जांच में पाया गया कि एक एनजीओ ने ये किताब स्कूल में बांटी थी. जांच के बाद स्कूल प्रिंसिपल आरएन केरावत को संभागायुक्त ने निलंबित कर दिया है.
प्रिंसिपल आरएन केरावत गणित के विशेषज्ञ हैं और साल 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.
निलंबन की कार्रवाई के बाद स्कूली शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने आजतक से बात करते हुए कहा कि 'प्रिंसिपल की ये जवाबदेही थी कि उनकी मौजूदगी में अशासकीय संगठन के लोग कोई भी लिटरेचर बांटते हैं तो उसको उन्हें देखना चाहिए था. उसमे लापरवाही पाई गई इसलिए आयुक्त उज्जैन सम्भाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है.
वहीं बीजेपी ने प्रिंसिपल के निलंबन का विरोध किया है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि 'शिवसेना को अब कांग्रेस से दोस्ती तोड़ लेनी चाहिए. जिस दिन से शिवसेना ने कांग्रेस से दोस्ती की है उस दिन से मध्य प्रदेश में सावरकर का अपमान शुरू हो गया है. जिस प्रिंसिपल को निलंबित किया गया है वो सम्मानित हैं और उनको निलंबित करना सरकार की आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है.