ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सदस्यसता ले ली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने को राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, उन्होंने यह भी कहा है कि विवादों को सुलझाया जा सकता था.
सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. मैं सोचता था कि पार्टी में बातचीत के जरिए विवाद सुलझा लिए गए होते. सचिन पायलट से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तल्ख टिप्पणी की थी.
अशोक गहलोत ने बिना ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए हुए कहा अवसरवादी लोग पहले ही चले जाते तो ठीक रहता. इनको कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया 17-18 साल में. अलग-अलग पदों पर रखा. सांसद बनाया, केंद्रीय मंत्री बनाया और मौका आने पर मौकापरस्ती भी दिखाई. इनको जनता कभी माफ नहीं करेगी.
Unfortunate to see @JM_Scindia parting ways with @INCIndia. I wish things could have been resolved collaboratively within the party.
— Sachin Pilot (@SachinPilot) March 11, 2020
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'अपने हितों के लिए छोड़ी पार्टी'
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर कहा था, 'लाभ और हानि सबकी जिंदगी में चलता रहता है. आप 4 बार सांसद रह चुके हैं. आपको कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी जा चुकी है, इसलिए पार्टी छोड़ना ठीक नहीं है. लेकिन उन्होंने नसीहत नहीं सुनी और अपने हितों के लिए पार्टी से किनारा कर लिया .'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा, 'मुझे खराब लगा कि वे पार्टी छोड़कर चले गए. 3 दिन पहले मेरी उनसे बातचीत हुई थी. मैंने उनसे कहा था कि पार्टी छोड़ने की जरूरत नहीं है. वे युवा हैं और अच्छे वक्ता हैं. पार्टी का निर्माण एक विचारधारा पर हुआ है, सबको लगता है कि यह विचारधारा लोगों को मजबूत बनाएगी.'
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'कई महीनों से बना रहे थे कांग्रेस छोड़ने की रणनीति'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमने उन्हें राज्यसभा की सीट ऑफर की थी, हम इससे ज्यादा भी कुछ करने वाले थे. उन्हें इस बात का जनता के सामने खंडन करने दो. ज्योतिरादित्य कई महीनों से कांग्रेस पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे थे.'
दिग्विजय सिंह से जब आज तक ने सवाल पूछा कि क्या कमलनाथ इस्तीपा देने जा रे हैं, तो इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट कराएंगे. इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है.
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राज्यसभा जाएंगे ज्योतिरादित्य!
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी मुख्यालय में सदस्यता ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने होली के दिन कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था . ज्योतिरादित्य के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी. अब ज्योतिरादित्य को बीजेपी राज्यसभा भेजेगी.
ज्योतिरादित्य ने बताया क्यों छोड़ी पार्टी
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने के बाद किए गए पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आज मन व्यथित है और दुखी भी है. जो कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं. पहला कि वास्तविकता से इनकार करना, नई विचारधारा और नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना. 2018 में जब MP में सरकार बनी तो एक सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं. कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं की जा सकती.'