मध्य प्रदेश के बेतुल में बालाजीपुरम मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटा दी जाएगी. धर्म संसद के आदेश के बाद पहले यहां साईं बाबा की पूजा बंद की गई, फिर मंदिर के पट बंद किए गए और अब मूर्ति को मंदिर से हटाकर साईं बाबा के भक्तों को सौंपने का फैसला लिया गया है. मूर्ति हटाए जाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण भी किया जाएगा.
मूर्ति को सम्मान के साथ कैसे विदा किया जाए, इसके लिए मंदिर में बैठक बुलाई गई. मंदिर समिति की बैठक में नाराज साईं भक्तों ने हिस्सा नहीं लिया. चर्चा इस बात पर हुई कि मूर्ति का विसर्जन करना बेहतर होगा या इसे साईं भक्तों को सौंप दिया जाए. इसी दौरान यह भी बात उठी कि साईं बाबा मुसलमान थे. एक विवादित किताब जिसमें ऐसा दावा किया गया है, उसे भी बांटा गया. किताब के अनुसार साईं बाबा मांसाहारी थे और उनका असल नाम चांद मियां था. इसी को आधार मानते हुए फैसला किया गया कि मूर्ति भोपाल के एक मुसलमान समुदाय को सौंप दी जाएगी.
फैसले से तनाव बढ़ने की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने फौरन मीटिंग की. प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए मूर्ति मुस्लिम समुदाय को सौंपे जाने के फैसले पर रोक लगा दी है. 13 साल पहले इस मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति की स्थापना की गई थी. कवर्धा में हुए धर्म संसद के आदेश के बाद से यहां साईं पूजा बंद है.