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सजा से पहले देवी के दर पर संजय दत्त

कहते हैं कि जब इंसान हर जगह से मायूस हो जाता है तो फिर ईश्वर की शरण में जाता है. संजय दत्त भी इसी राह पर चल पड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाद सजा की जो तलवार संजय दत्त पर लटक रही है उससे दूर जाने के लिए संजय दत्त पहुंचे मध्य प्रदेश के दतिया के पीतांबरा सिद्ध पीठ के दर पर.

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संजय दत्त
संजय दत्त

कहते हैं कि जब इंसान हर जगह से मायूस हो जाता है तो फिर ईश्वर की शरण में जाता है. संजय दत्त भी इसी राह पर चल पड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाद सजा की जो तलवार संजय दत्त पर लटक रही है उससे दूर जाने के लिए संजय दत्त पहुंचे मध्य प्रदेश के दतिया के पीतांबरा सिद्ध पीठ के दर पर. 15 मिनट तक विशेष पूजा हुई. मन में सिर्फ इसी मन्नत के साथ 'बचा लो मां'.

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कभी फिल्मों में खलनायक की भूमिका अदा करके संजय दत्त जमकर वाहवाही बटोरते थे. अपने रोल पर खुद फिदा भी होते होंगे लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ही नायक को खलनायक बताकर सजा का एलान कर दिया तो रिल का अभिनेता रियल में पूरी तरह से टूट गया.

सजा के एलान के बाद जब पहली बार मीडिया से रूबरू हुए तो दिल का दर्द आंखों के रास्ते आंसू बनकर छलक पड़ा. मुश्किल की घड़ी बड़ी है और वो कहते हैं न कि जब दवा काम न आए तो फिर दुआ की दरकार पड़ती है.

अदालत के सामने सरेंडर करने के लिए संजय दत्त के पास वक्त भी बहुत कम है. लेकिन ईश्वर के सामने प्रार्थना भी जरूरी है. इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश के दतिया जिले में संजय दत्त पहुंचे शक्ति पीठ देवी मां के दर पर.

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दतिया में पीतांबरा पीठ का बड़ा ही सिद्ध मंदिर है जहां संजय दत्त ने दोपहर में संकल्प पूजा की. पीतांबर पीठ में गुप्त पूजा होती है और कहा जा रहा है कि संजय दत्त के लिए पिछले कुछ दिनों से शक्ति पीठ पर पूजा चल रही थी जिसके पूर्ण होने पर संजय दत्त ने देवी के दर शीश झुकाकर संकल्प लिया.

मौका भक्ति, आस्था और विश्वास का था लिहाजा लिबास में भी सादगी दिखाई दे रही थी. सफेद धोती कुर्ते में उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया और महंत से कहा कि वे लोग हमारी सजा की माफ़ी के लिए मां से दुआ करें और अगर उन्हें माफ़ी मिलती है तो वो दुबारा मां की शरण में आएंगे मत्था टेककर शुक्रिया अदा करने.

संजय दत्त विशेष विमान से पहले गुना के हवाई अड्डे पर पहुंचे. मीडिया से दूरी बनाए रखी और सड़क मार्ग से सफेद एसयूवी में सवार होकर दतिया की ओर रवाना हो गए.

पीतांबरा पीठ में संजय दत्त अपने बहनोई कुमार गौरव के साथ पहुंचे. शक्ति पीठ में उन्होंने करीब 15 मिनट तक मां के सामने प्रार्थना की और उनकी याचना और संकल्प को देवी मां तक पहुंचने के लिए मंदिर के 4 पंडितों ने पूजा को पूरा किया. इनमे शक्ति पीठ के 2 धर्माचार्य भी शामिल थे. संजय दत्त की तरह की पूजा कराने वाले पुजारियों को भी मां की शक्ति में पूरा यकीन है और यकीन ये भी है कि देवी संजय की फरियाद जरूर सुनेंगी.

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19 अप्रैल को संजय की सजा पर माफी की सुनवाई है. गिनती भर की तारीख बची है लेकिन संजय दत्त और उनके शुभचिंतकों को भरोसा है कि दुआ जरूर रंग लाएगी.

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