अपने समधी की मौत पर अचानक भोपाल पहुंचे आसाराम ने पीड़िता का नाम लिए बिना एक नई कहानी सुनाई. इस मौके पर सैकड़ों साधक और उनके रिश्तेदार भी मौजूद थे.
भोपाल आश्रम के संचालक और नारायण साईं के ससुर देव किसनानी की अंत्येष्टि के दौरान आसाराम ने पहले मीडिया को आश्रम के अंदर बुलाया और ऐसे मौके पर पहले उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई में एक नई कहानी सुनाई. आसाराम ने अपने साधकों के सामने मीडिया को बताया कि जिस लड़की ने उनपर आरोप लगाया है, उसे वो पीड़िता नहीं कहना चाहते और कहानी सुनाने से पहले उन्होंने सबसे कहा कि आप समझ लेना कि वो किस के बारे में बोल रहे हैं.
आसाराम ने कहा कि उन्हें अभी-अभी ये पता चला है कि उस कन्या ने आश्रम से निकलने के पहले अपनी सहेलियों से कहा था कि वो दुनिया में नाम करना चाहती है और इस आश्रम में दोबारा नहीं आएगी. आसाराम ने एक सरकारी अधिकारी का नाम लिए बिना उसके हवाले से ये कहानी सुनाई.
इसके अलावा आसाराम ने मीडिया को चेतावानी दी कि यदि ऐसे-वैसे सवाल उनसे किये गए तो पहले वो हाथ जोड़ेंगे और कोई नहीं माना तो इशारा करते हुए कहा कि वे धक्का देंगे.
गुरुवार दोपहर भोपाल पहुंचे आसाराम से एयरपोर्ट पर बीजेपी उपाध्यक्ष उमा भारती के उनके समर्थन में खड़े होने को लेकर पूछा गया तो वह मीडिया पर भड़क गए और नाराज होते हुए उन्होने कहा, ‘कोई मेरे बचाव में सामने नहीं आया है, यह गलत बात है, कोई पार्टी मेरे बचाव में नहीं आई है, आप मुझे सताने का प्रयास नहीं करें.’
आसाराम के मीडिया पर भड़कते ही एयरपोर्ट पर मौजूद उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया और उनमें से कई ने अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया. इसी बीच आसाराम अपने वाहन में बैठकर वहां से चले गए.
एक पत्रकार द्वारा यह पूछने पर कि जोधपुर पुलिस के सामने पेश होने के लिए क्या आपने और समय मांगा है, आसाराम ने कहा, ‘मैने कोई समय नहीं मांगा, मैं तो तैयार हूं, मेरे लिए जैसे यहां वैसी जेल, लेकिन जब मैंने ये साजिशें सुनीं, तो वहां कोई खिलाने-पिलाने में ‘ब्रेन’ को ऐसा-वैसा कर दे, इसलिए तय किया है कि जेल में अन्न-जल छोड़ दूंगा, ये बात किसी से मैंने कही, तो मीडिया में आ गई.’