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शिवराज कैबिनेट में सिंधिया समर्थकों को जगह, कांग्रेस बोली- भाजपा में अब टिकाऊ की ज़रूरत नहीं

मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट का रविवार को तीसरी बार विस्तार हुआ. रविवार को कैबिनेट विस्तार में भले ही सिर्फ दो मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, लेकिन यह दोनों ही मंत्री कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले सिंधिया समर्थक हैं.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो )
ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो )
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवराज कैबिनेट में सिंधिया के दबदबे पर कांग्रेस का तंज
  • कांग्रेस ने कहा- भाजपा में अब टिकाऊ की ज़रूरत नहीं
  • कांग्रेस छोड़कर BJP में आए दो नेता बनाए गए मंत्री

मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट का रविवार को तीसरी बार विस्तार हुआ. रविवार को कैबिनेट विस्तार में भले ही सिर्फ दो मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, लेकिन यह दोनों ही मंत्री कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले सिंधिया समर्थक हैं. अब इसी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि अब भारतीय जनता पार्टी में निष्ठावान और टिकाऊ लोगों के लिए कोई जगह नहीं बची है. 

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मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने रविवार को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर सवाल उठाते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश में एक मजबूत नहीं ,बल्कि असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री कुर्सी पर विराजमान है. भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति पहले कभी नहीं देखी? ऐसा लग रहा है कि आज भाजपा कुछ जयचंदो व आयातित लोगों की पार्टी होकर उनके सामने गिरवी पड़ी है'.

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नरेंद्र सलूजा ने कहा कि 'जब मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं, तब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करना और उसमें भी सिंधिया समर्थक सिर्फ दो ही मंत्रियों को शामिल करना यह बता रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा भारी दबाव में है जबकि भाजपा के कई योग्य विधायक, मंत्री बनने की कतार में थे, लेकिन उनका हक मार कर दो आयातित लोगों को ही शामिल करने से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा में अब ईमानदार, निष्ठावान, योग्य और टिकाऊ लोगों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है'. 

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कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए रविवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कांग्रेस के नेता पहले देश भर में सिमट रही अपनी पार्टी की हालत पर चिंता करें. क्योंकि, समय रहते यदि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया की बातों पर ध्यान देते या उनको उचित सम्मान देते तो आज कांग्रेस पार्टी की यह दुर्दशा नहीं होती. 

 

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