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MP: शिवराज सरकार ने फिर बदला ऐतिहासिक इमारत का नाम

बताया जाता है कि नवाब के मेहमान जब भोपाल आते थे, तो उन्हें कहां रुकवाया जाए? यह बड़ा सवाल होता था, इसलिए छोटे तालाब के किनारे इसका निर्माण किया गया था. जहां तालाब से आती ठंडी हवा के कारण मेहमानों को गर्मी के मौसम में भी तकलीफ नहीं होती थी. यहां नवाब के मेहमान ठहरा करते थे.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसी जमाने में यहां नवाब के मेहमान ठहरा करते थे
  • यहां पर 40 साल तक एमपी की विधानसभा लगी थी

भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्‍टेशन करने के बाद अब शिवराज सरकार ने एक और ऐतिहासिक इमारत का नाम बदल दिया है. अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिंटो हॉल का नाम बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे हॉल कर दिया है. मिंटो हॉल वही इमारत है, जहां 40 साल तक मध्यप्रदेश की विधानसभा लगी थी.
 
बताया जाता है कि नवाब के मेहमान जब भोपाल आते थे, तो उन्हें कहां रुकवाया जाए, यह बड़ा सवाल होता था. इसलिए छोटे तालाब के किनारे इस हॉल का निर्माण किया गया था. जहां तालाब से आती ठंडी हवा के कारण मेहमानों को गर्मी के मौसम में भी तकलीफ नहीं होती थी. यहां नवाब के मेहमान ठहरा करते थे.

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मिंटो हॉल, वायसराय लॉर्ड मिंटो के भोपाल आने के दौरान बनना शुरू हुआ था. इसकी नींव लॉर्ड मिंटो ने 12 नवंबर 1909 में रखी थी और उन्हीं के नाम पर इस इमारत का नाम मिंटो हॉल पड़ा था. साल 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने मिंटो हॉल का करीब 60 करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार करवाया था. फिलहाल यहां एमपी टूरिज़्म का रेस्टोरेंट और सभागार गृह है, जहां शासकीय कार्यक्रम होते हैं. भाजपा कार्यसमिति की बैठक भी यहीं हो रही है.

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