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ट्रैक्टर पर सवार हुए शिवराज, आदिवासियों की मांगों को लेकर उतरे सड़क पर

जब प्रशासन ने आदिवासियों को भोपाल शहर की सीमा से बाहर रोक दिया तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भड़क गए. उन्होंने अधिकारियों को फोन पर ही फटकार लगाई.

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आदिवासियों की मांगों को लेकर सड़क पर उतरे शिवराज सिंह चौहान.
आदिवासियों की मांगों को लेकर सड़क पर उतरे शिवराज सिंह चौहान.

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. अपनी मांगों को लेकर आदिवासी प्रदर्शन करने भोपाल आ रहे थे लेकिन जब प्रशासन ने उन्हें शहर की सीमा से बाहर रोक दिया तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भड़क गए. उन्होंने अधिकारियों को फोन पर ही फटकार लगा दी.

दरअसल, भोपाल में मंगलवार को मक्के की तुलाई, बोनस और अन्य मांगों को लेकर आदिवासियों ने प्रदर्शन रखा था. जिसमें शिवराज सिंह चौहान को भी शामिल होना था. शिवराज तय वक़्त पर टीटी नगर स्थित प्रदर्शन स्थल पर भी पहुंच गए. लेकिन वहां पहुंचने पर पाया कि आदिवासियों को प्रदर्शन स्थल तक आने से पहले भदभदा इलाके में रोक लिया गया है. इस पर शिवराज भड़क गए.

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को फोन लगाकर चेतावनी दी कि आदिवासियों को आने की इजाज़त दी जाए नहीं तो वो खुद मंत्रालय का घेराव कर देंगे. इसके बाद शिवराज खुद भी भदभदा पहुंचे और वहां एक आदिवासी के ट्रैक्टर पर सवार होकर प्रदर्शन स्थल के लिए रवाना हुए. शिवराज के पीछे ट्रैक्टरों का काफिला चल रहा था.

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क्या है मांग

आदिवासियों का आरोप है कि वन विभाग और आबकारी विभाग ने उनपर झूठे मुकदमे बनाए हैं और सरकार इसे वापस ले. इसके साथ ही आदिवासियों की मांग है कि मक्के का बोनस 500 रुपये प्रति क्विंटल चाहिए. इसके लिए जल्द से जल्द तुलाई होनी चाहिए. इसके अलावा प्रमुख मांगों में आदिवासियों को पट्टा और तेंदू पत्ते का पूरा बोनस देना भी शामिल है.

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