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शिवराज सिंह बोले- पश्चिम बंगाल की तरह MP में संवैधानिक संकट खड़ा किया जा रहा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी से राज्य की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस जहां इसे बीजेपी की बौखलाहट बता रही है तो वहीं बीजेपी इसे आयकर विभाग की नियमित कार्रवाई करार देते हुए कांग्रेस पर वसूली गई रकम के सामने आने की बात कह रही है.

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शिवराज सिंह चौहान (फाइल- ANI)
शिवराज सिंह चौहान (फाइल- ANI)

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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग की छापेमारी से सियासत गरम गई है. एक तरफ बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा किया जा रहा है तो वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस ने इस छापेमारी को राजनीतिक बदला बताया है.

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आयकर विभाग अपना काम कर रहा है, यह उनका संवैधानिक अधिकार है. राज्य सरकार और उसके सीएम आयकर विभाग को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. सीआरपीएफ के जवानों को उसकी ड्यूटी करने से रोका जा रहा है. भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.

शिवराज सिंह ने कहा, कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी वाले ऐसा कर रहे हैं? क्या बीजेपी ने वहां पैसे रखे हैं. राज्य में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है, जैसे बंगाल में हुआ. शिवराज सिंह ने कहा कि नकदी और दस्तावेज बरामद किए गए हैं, मैं हैरान हूं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जांच में सहयोग करने की बजाय आयकर विभाग की कार्यवाही को रोक रहे हैं.

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बता दें कि मध्य प्रदेश में छापेमारी के दौरान पश्चिम बंगाल की तरह पुलिस और जांच एजेंसियों के बीच झड़प हुई. कमलनाथ सरकार की पुलिस और सीआरपीएफ के साथ भिड़ंत हुई और पुलिस ने सीआरपीएफ के जवानों को अंदर जाने से रोक दिया.

शिवराज ने कहा कि बदलाव का नारा देकर आई कांग्रेस का यह कैसा बदलाव है, जिसमें इनकम टैक्स अधिकारियों को खुलेआम धमकाया जा रहा है. शिवराज ने कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है ऐसे में पुलिस को ये जवाब देना होगा कि उन्हें छापे वाली जगह पर जाकर सीआरपीएफ से भिड़ने के आदेश किसने दिए? कांग्रेस पर आरोप लगातार हुए शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश शांति का टापू था, लेकिन कांग्रेस ने इसे संविधान ध्वस्त करने का अखाड़ा बना दिया.

वहीं कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी को अपनी हार सामने नज़र आने लगी है तो इस तरह की कार्रवाई जानबूझकर चुनाव में लाभ लेने के लिए की जाने लगी है. कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके पास विकास और अपने काम पर कुछ कहने और बोलने के लिए नहीं बचता है तो ये विरोधियों के खिलाफ इसी तरह के हथकंडे अपनाते हैं.

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आयकर विभाग के छापों को लेकर कहा कि यह तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद प्रधानमंत्री मोदी की बौखलाहट का नतीजा है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की छवि खराब करने और राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.

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शोभा ने कहा कि यदि ये छापे राजनीतिक द्वेष से नहीं मारे जा रहे हैं तो फिर अमित शाह, जय शाह, येदियुरप्पा, शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह के घर छापे क्यों नहीं मारे जा रहे हैं? उनके नाम तो कई बड़े भ्रष्टाचारों में सामने आए हैं. शोभा ने इसे बीजेपी का दोहरा चरित्र करार देते हुए कहा कि इसे पूरा देश देख रहा है.

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ओएसडी के घर मिली ट्रांसफर उद्योग की काली कमाई से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस चोर है, इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी बताती है कि वह चोरों के सरदार हैं.

गौरतलब है कि भोपाल, इंदौर सहित अन्य स्थानों पर मुख्यमंत्री के ओएसडी, एक गैर सरकारी संगठन के संचालक अश्विनी शर्मा के यहां आयकर विभाग ने रविवार को छापेमारी की, जिसके बाद सियासी हलचल बढ़ गई है.

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