जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं का विवादित बयान देने का सिलसिला जारी है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बाद अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी ऐसा ही बयान दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू अपराधी हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, 'जब भारतीय सेना कश्मीर से पाकिस्तानी कबाइलियों का पीछा कर रही थी, तो उन्होंने (जवाहरलाल नेहरू) युद्ध विराम की घोषणा कर दी. कश्मीर के एक-तिहाई हिस्से पर पाक का कब्जा है. अगर कुछ और दिनों के लिए युद्धविराम नहीं होता, तो पूरा कश्मीर हमारा होता.'
Former Madhya Pradesh Chief Minister & BJP leader Shivraj Singh Chouhan: His (Jawaharlal Nehru) second crime was Article 370, 'ek desh mein do nishan, do vidhan, do pradhan' it was not an injustice to the country but a crime against it. (10.8.19) https://t.co/Z5sC3oJwPK
— ANI (@ANI) August 10, 2019
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू का दूसरा अपराध 370 है.' उन्होंने कहा कि, 'एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान, यह एक देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि उसके खिलाफ अपराध है.'
बता दें कि कश्मीर की बेटियों पर शर्मनाक तंज को लेकर निशाने पर आए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा है, 'मैं कश्मीर की लड़कियों को अपनी बेटियां मानता हूं. मेरा आशय कोई गलत टिप्पणी करने का नहीं था. देश की हर बेटी हमारी बेटी है.'
इससे पहले शुक्रवार को सीएम खट्टर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अब लड़कियों को शादी के लिए कश्मीर से लाया जा सकता है. अब हम भी शादी के लिए कश्मीरी लड़की ला सकते हैं.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के जरिए मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में 5 अक्टूबर 2019 को भारत के नक्शे पर अवतरित होगा.
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे. अविभाजित जम्मू-कश्मीर अब तक राज्य की हैसियत से था, लेकिन अब उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पड़ेगा. जबकि जम्मू-कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को करगिल के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.