मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और प्रदेश में ऑक्सीजन की बढ़ती जरूरतों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई राज्यों के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अन्य राज्यों के अफसर मध्य प्रदेश आने वाले ऑक्सीजन टैंकरों को बेवजह रोक रहे हैं. जिससे ना केवल समय की बर्बादी हो रही है बल्कि संकट के समय में ऑक्सीजन टैंकरों के मध्य प्रदेश पहुंचने में भी वक्त लग रहा है.
सोमवार शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक के बाद एक, तीन ट्वीट करते हुए लिखा कि #COVID19 संक्रमण की विषम परिस्थितियां बनी हुई हैं, संकटकाल है. ऑक्सीजन संजीवनी है. ऐसे में कुछ राज्यों के अधिकारी ऑक्सीजन के टैंकर्स रोक रहे हैं, जो अनुचित है और अपराध भी है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के ऑक्सीजन टैंकर्स को अन्य राज्यों में कुछ अधिकारियों द्वारा रोका गया. इससे समय बर्बाद होता है और इस दौरान कुछ मरीजों की जान जाने का खतरा बना रहता है. मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो संजीवनी ऑक्सीजन के टैंकर्स को अकारण रोक रहे हैं'.
मैं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूँ कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो संजीवनी ऑक्सीजन के टैंकर्स को अकारण रोक रहे हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 19, 2021
दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय को जानकारी मिली है कि बीते कुछ दिनों के दौरान अलग-अलग राज्यों में जहां से ऑक्सीजन के टैंकर मध्य प्रदेश आ रहे थे वहां के अफसरों ने टैंकरों को रोककर कागजी कार्रवाई में लंबा समय लगा दिया और तय समय पर टैंकर मध्य प्रदेश नहीं पहुंचे. इसके बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया. हालांकि अपने ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने यह नहीं बताया किन किन राज्यों में टैंकरों को रोका गया था.
बता दें कि इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर आरोप लगाया था कि वहां की सरकार मध्य प्रदेश को मिलने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की सप्लाई को रोकने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने वाली कंपनियों पर दबाव बना रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता 390 मीट्रिक टन रही जबकि वास्तविक खपत 374 मीट्रिक टन है.
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश अब खुद ऑक्सीजन पर निर्भरता बढ़ाने की तैयारी में है. भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में 8 एयर कंसेंट्रेटर यूनिट्स लगाई जा रही हैं. इसके अलावा 37 जिलों के लिए 37 नये PSA ऑक्सीजन यूनिट्स के कार्य आदेश जारी किए गए हैं.