मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक मासूम बच्ची से दरिंदगी के खिलाफ देशभर में उबाल है. इस बीच मामले पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी के एक ट्वीट को लेकर बवाल मचा हुआ है. रेप की घटनाओं को धर्म के चश्मे से देखने के आरोपों पर मालिनी अवस्थी ने सफाई दी है. साथ ही विरोधियों पर करारा पलटवार किया है.
आजतक से फोन पर बातचीत में मालिनी अवस्थी ने कहा, 'मैं खुद भी एक औरत हूं और मैं एक बेटी की मां हूं. मैंने जिंदगी भर जो भी गाया, वो औरतों को ही समर्पित गीत गाए हैं. निर्भया का किस्सा हो या कठुआ का कांड हो या फिर कोई रेप की घटना, उसके दोषियों को फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए.'
उन्होंने कहा कि सिर्फ छेड़छाड़ की घटना से ही एक लड़की का कलेजा आर-पार हो जाता है. मंदसौर की घटना के बारे में भी सुनते ही मन आक्रोश से भर गया, लेकिन मुझे यह लगा कि मैं एक अकेली कलाकार हूं, जिसने इस मामले में ट्वीट किया. मैंने यही कहा कि यह अजीब सी हैरान करने वाली बात है कि कैसे कुछ लोगों के लिए एक बात इतनी बड़ी हो जाती है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर तक व्यापक हो जाती है और दूसरी घटना पर कोई बोलता तक नहीं है.'
मालिनी अवस्थी का मानना है कि जो लोग कठुआ कांड पर हल्ला मचा रहे थे, वो इस घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे लोग रेप की घटना को भी धर्म के चश्मे से देख रहे हैं. बॉलीवुड के कलाकारों पर सीधा हमला बोलते मालिनी अवस्थी ने कहा, 'मैं पूछना चाहती हूं कि बॉलीवुड में बहुत कलाकार हैं, उनको कठुआ कांड को लेकर शर्म आई थी, लेकिन मंदसौर की घटना पर शर्म क्यों नहीं आई?'
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आप रेप को धर्म के चश्मे से देख रही हैं, तो उन्होंने कहा, 'मैं मंदसौर की घटना को धर्म के चश्मे से नहीं देख रही हूं. मैंने धर्म का नाम तक नहीं लिया है और मुझे इस बात से हैरानी हो रही है कि बेटियों के साथ अत्याचार को धर्म से जोड़कर देखा जा रहा है.'
लोक गायिका ने कहा कि बेटियों के साथ अत्याचार पर कोई धार्मिक भेदभाव नहीं होना चाहिए. यह बात उन लोगों को जल्द समझ में आ जाए तो अच्छा है, जिनको कठुआ कांड पर शर्म आती है और मंदसौर पर जुबां पर ताले लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि कठुआ और मंदसौर दोनों के आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.
मालिनी अवस्थी के इस ट्वीट पर हो रहा बवाल
Here is my tweet and I stand by it!This is about Selective outrage in Bollywood and media which is very visible!As an artist I steer clear of falling trap into any political controversies that journalists like @abhisar_sharma create!
Tweet is very much here!
@abpnewshindi pic.twitter.com/4xSArZJTDv
— Malini Awasthi (@maliniawasthi) June 30, 2018
लोक गायिका मालिनी अवस्थी के उस ट्वीट पर बवाल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा, 'कठुआ पर शर्म आई और मंदसौर पर जुबां पर ताले! आक्रोश में भेदभाव! बॉलीवुड में अब न कोई तख्ती लटका रहा, न ही कोई विदेशी अखबारों और मीडिया में भारत को बदनाम करता हुआ लेख लिख रहा. न घंटों विलाप करने वाले एंकर अब व्यथित दिख रहे! बच्चियों में भी भेदभाव का दोहरा मापदंड सिर्फ सेक्युलर कर सकते हैं.'
मंदसौर की घटना के बाद से राजनीतिक उबाल
मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद राजनीति में उबाल आ गया है. एक मासूम बच्ची के साथ रेप के दौरान वैसी ही दरिंदगी की गई, जैसी कुछ साल पहले निर्भया के साथ की गई थी और पूरे देश में हंगामा मच गया था. बच्ची अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रही है.
मामले को कुछ दिन बीत चुके हैं, इरफान आसिफ नाम के आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. मध्य प्रदेश की सरकार मामले की फास्ट ट्रैक सुनवाई करने का वादा भी कर रही है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि कठुआ में आसिफा रेप मामले की तरह इस मामले में बॉलीवुड के सितारों ने बच्ची के लिए आवाज़ क्यों नहीं उठाई? राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले को लेकर सड़कों पर मोर्चे क्यों नहीं निकाले? टीवी और अखबारों में इस बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए कैंपेन क्यों नहीं चले?
गुस्से में आए मंदौसर के लोग बड़ी तादाद में बच्ची को इंसाफ दिलाने और आरोपी को फांसी दिलाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए. मंदसौर की आवाज दिल्ली तक भी पहुंची और सबको सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई हमारे देश में रेप जैसे घिनौने अपराध को भी धर्म के चश्मे से देखा जाता है?
कुछ लोगों ने रेप को भी राजनीतिक रंग देकर अपनी दुकानदारी चलाने का ज़रिया बना लिया? क्या हमारी राजनीतिक पार्टियों की सोच इतनी घिनौनी हो गई है कि बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाओं में भी वोट बैंक को साधने का ज़रिया ढूंढ लिया जाता है और अगर ऐसा नहीं है, तो रेप जैसे मामलों पर सबके सुर एक जैसे क्यों नहीं होते? क्यों रेप जैसे मामलों में भी बेशर्मी से एक-दूसरे पर आरोप लगाकर नेता और फिल्मस्टार अपने-अपने नफे-नुकसान के हिसाब से चुप्पी साध लेते हैं?