भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना कहा कि अदालत के निर्णय के बाद भी बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बताने के रुख पर बने रहना आतंकवादियों का तुष्टिकरण करने जैसा है.
नीमच जिले के जावद में कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘अदालत का निर्णय आने के बावजूद कांग्रेस के कुछ नेता बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बताने से बाज़ नहीं आ रहे हैं. यह एक पुलिस अधिकारी के बलिदान को नकारने और वोट की राजनीति के लिए आतंकवादियों का तुष्टिकरण करने जैसा काम है.’
गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रचार अभियान समिति के प्रमुख नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मीडिया की चिंता है, हमारी नहीं. हमारे यहां कोई संशय नहीं है, उचित समय आने पर इस बारे में पार्टी संसदीय बोर्ड निर्णय करेगा.
मोदी को देश का अगला प्रधानमंत्री बताने संबंधी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के निर्देश हैं कि सभी नेता मीडिया से अच्छी दोस्ती रखें, लेकिन इस विषय (प्रधानमंत्री) पर बात नहीं करें. उन्होंने कहा कि वह अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना नहीं कर सकते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अपनी पार्टी के नेताओं को मोदी पर कोई बयान देने से 24 घंटे पहले सूचित करने संबंधी कथित निर्देश पर गडकरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी डरी हुई है. मोदी की लोकप्रियता से भयभीत होकर वह येनकेन प्रकारेण उन्हें बदनाम करने में जुटी हुई है. लेकिन इससे चुनाव में जनता को प्रभावित नहीं किया जा सकेगा.
यह पूछने पर कि उनकी नजर में गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में से कौन बेहतर है, उन्होंने कहा कि दोनों ही हमारी आंखें हैं. दोनों ने अपने-अपने प्रदेश की बेहतरी के लिए तारीफ के काबिल काम किया है. चौहान ने तो अपने प्रदेश को बीमारू श्रेणी से निकालकर विकासशील प्रदेश बना दिया है.
तेलंगाना राज्य निर्माण संबंधी निर्णय को लेकर अन्य छोटे राज्यों के लिए पुनर्जीवित हुई मांगों के बारे में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी छोटे राज्यों के निर्माण के पक्ष में है. पृथक विदर्भ के लिए तो पार्टी की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
भाजपा नेता ने कहा कि सुशासन का मुद्दा महत्वपूर्ण है, क्योंकि संप्रग सरकार के राज में शासन नाम की चीज कहीं नजर नहीं आती. उन्होंने कहा कि देश में अभी 4.5 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद दर (जीडीपी) भी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों की वजह से है.