
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई. ऐसा ही हुआ मध्यप्रदेश के सागर जिले के एक युवक के साथ. जिसके सीने को चीरते हुए लकड़ी आर-पार हो गई. हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद युवक की जान बचाई.
दरअसल, जिले के देवरी मानेगांव का रहने वाला 18 साल का शिवम राजपूत 18 मई को सड़क हादसे का शिकार हो गया था. शिवम की तेज रफ़्तार बाइक एक बैलगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे में बैलगाड़ी की लकड़ी शिवम के सीने से आर-पार हो गई थी और इससे शिवम का एक फेफड़ा फट गया था. हादसे में बैलगाड़ी पर शिवम फंसा रह गया. हादसे के बाद पहले उसे केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जिसके बाद उसे सागर के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां चार डॉक्टरों की टीम ने 5 घंटे ऑपरेशन के बाद शिवम की जान बचा ली. शिवम अब खतरे से बाहर है.
इस ऑपरेशन के बारे में 'आजतक' से बात करते हुए डॉक्टर मनीष राय ने बताया कि 'शिवम राजपूत नाम का मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल में आया था, जिसमें दुर्घटनावश बैलगाड़ी की 3 से 4 फीट मोटी लंबी लकड़ी फेफड़े के अंदर चली गई. ये केस बहुत ही चुनौतीपूर्ण था. अस्पताल की 4 डॉक्टरर्स की टीम ने ऑपरेशन लकड़ी को बाहर निकाला. मरीज वेंटिलेटर से बाहर आ चुका है और धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है. लकड़ी ने फेफड़ा तो चीर दिया लेकिन गनीमत रही कि दिल और उस तक खून पहुंचाने वाली नसों को इससे नुकसान नहीं पहुंचा था इसलिए युवक की जान बचाने में सफलता मिली.'