मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार 30 वर्षीय सरकारी पशु चिकित्सक की जिला जेल में शनिवार रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई. इस शख्स के परिजनों ने उसके साथ जेल में मारपीट का संदेह जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. जबकि रविवार को भी एक आरोपी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
वहीं, व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले एक प्रमुख कार्यकर्ता ने आशंका जताई है कि यह बंदी न्यायिक हिरासत के दौरान किसी साजिश का शिकार हुआ है.
This is the biggest employment scam in the Country with 2000 people arrested almost 1000 more to be arrested 41 accused dead mysteriously.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 28, 2015
जिला जेल के एक आला अधिकारी ने रविवार को बताया कि व्यापमं घोटाले में गिरफ्तारी के बाद नरेंद्र सिंह तोमर (30) न्यायिक हिरासत के तहत 24 फरवरी से इस जेल में बंद था. उसने शनिवार देर रात तबीयत खराब होने की शिकायत की. उसे महाराजा यशवंतराव अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.पोस्टमार्टम से पता चलेगी सही वजह
जेल अधिकारी ने कहा कि नरेंद्र की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगी. पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने बताया कि विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की तय नियमों के मुताबिक, मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी. उधर, नरेंद्र के छोटे भाई विक्रम सिंह तोमर ने आशंका जताई है कि उसके भाई के साथ जिला जेल में मारपीट की गई थी.
विक्रम ने कहा, हमें आधिकारिक तौर पर अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि मेरे भाई ने किन हालात में दम तोड़ा. मेरा भाई किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त नहीं था. परिजनों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
एक अन्य आरोपी की ग्वालियर में मौत
इसके साथ ही, रविवार को ग्वालियर में एक अन्य आरोपी राजेंद्र आर्य की लिवर इन्फेक्शन होने की वजह से ग्वालियर के निजी अस्पताल में हो गई. व्यापमं घोटाले में आरोपी राजेंद्र फिलहाल जमानत पर रिहा थे और सागर के मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. बता दें कि इस मामले में अब तक करीब 23 आरोपियों की संदिग्ध मौत हो चुकी है.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इन मौतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जरूर इसके पीछे कोई गहरी साजिश चल रही है.
-इनपुट भाषा