मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को हुई दो महिलाओं की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बुधवार को इस मसले पर एमपी विधानसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. अब मध्य प्रदेश सरकार में गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
MP के गृह मंत्री बोले- गाय का नहीं भैंस का मीट था
गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि मंदसौर में महिलाओं से मिले मांस की रिपोर्ट में बफेलो मीट की पुष्टि हुई है लेकिन राज्य में उसके भी ले जाने की मनाही
है इसलिए दोनों महिलाओं को जेल भेजा गया है. गृह मंत्री के इस बयान के बाद मामला मायावती ने इस मामले को राज्यसभा में उठाया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
की मांग की.
प्लेटफॉर्म पर ही कर दी महिलाओं की पिटाई
मंगलवार शाम को मंदसौर रेलवे स्टेशन पर हिन्दू दल के कार्यकर्ताओं ने दो महिलाओं के गोमांस की तस्करी के शक में प्लेटफॉर्म पर ही पकड़ लिया और उनकी
धुनाई कर दी. मौके पर पुलिस भी थी लेकिन हिन्दू दल के कार्यकर्ताओं ने उनकी भी एक ना सुनी. हिन्दू दल की महिलाओं ने दोनों महिलाओं को जमकर पीटा था.
जिसके बाद पुलिस दोनों महिलाओं को पकड़ कर पहले थाने लाई और फिर कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों महिलाओं को जेल भेज दिया गया था.
मारपीट के वीडियो से गरमाई राजनीति
दरअसल मंदसौर रेलवे स्टेशन पर पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद ही राजनीतिक माहौल गरमा गया क्योंकि एमपी विधानसभा और संसद का सत्र चल रहा है तो
राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इस मामले पर जमकर बयानबाजी हुई. मायावती ने जैसे ही ये मुद्दा राज्यसभा में उठाया तो हंगामा हो गया. इस मुद्दे पर सदन में
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मायावती का समर्थन किया.
जांच के आदेश दिए गए
मामले ने जब तूल पकड़ा तो राज्य के गृहमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए. गृहमंत्री ने कहा कि जिन महिलाओं को पीटा गया उनकी शिकायत का इंतजार ना करते हुए
जांच के आदेश दे दिए हैं. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब मीट ले जा रही महिलाओं को पकड़ने में पुलिस ने इतनी फुर्ती दिखाई तो
आखिर मारपीट करते वीडियो में कैद हुए लोगों को पुलिस अब तक क्यों नहीं पकड़ पाई.