मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण पर मचे सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. बीजेपी नेत्री ने सोमवार को इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की है और ओबीसी आरक्षण पर रास्ता निकालने की बात कही है.
उमा भारती ने ट्वीट करते हुए बताया, ''मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी हुई न्यायिक रोक चिंता का विषय है. मेरी अभी सुबह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी से फोन पर बात हुई है तथा मैंने उनसे आग्रह किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत का चुनाव मध्यप्रदेश की लगभग 70% आबादी के साथ अन्याय होगा. इसलिए पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का समाधान किए बिना पंचायत चुनाव ना हो सके इसका रास्ता हमारी मध्य प्रदेश की सरकार को निकालना ही चाहिए. मुझे शिवराज जी ने जानकारी दी है कि वह इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं.''
1. मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी हुई न्यायिक रोक चिंता का विषय है।
— Uma Bharti (@umasribharti) December 20, 2021
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले पंचायत चुनावों में 2014 के आरक्षण रोस्टर को लेकर विवेक तन्खा ने जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे HC ने खारिज कर दिया था. इसके बाद तन्खा सुप्रीम कोर्ट गए थे जहां सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है.
MP में छिड़ा है विवाद
ओबीसी आरक्षण को लेकर छिड़ी जंग के बीच अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.