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बाढ़ से घिरा विदिशा, NDRF की टीम ने बचाई दृष्टि बाधित परिवार की जान

50 साल के संजीत उसकी पत्नी अपने चार बच्चों के साथ दोमंजिले मकान में 24 घंटे से फंसे थे. जब इसकी सूचना एनडीआरफ की टीम को मिली, तो तुरंत सर्च ऑपरेशन चलाया गया. गश्त के दौरान ही बचाव दल ने बाढ़ के शोर और मौसम के सन्नाटे में इस परिवार की पुकार सुनी.

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मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई है
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई है

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मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. बेतवा की बाढ़ से विदिशा शहर के कई इलाकों सहित आसपास के एक दर्जन गांवों में हालात बेकाबू हो गए. स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर प्रशासन को बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद लेना पड़ी. रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर एनडीआरएफ की टीम ने बेतवा की तेज धार की जद में आए एक मकान से दृष्टि बाधित परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला.

50 साल के संजीत उसकी पत्नी अपने चार बच्चों के साथ दोमंजिले मकान में 24 घंटे से फंसे थे. जब इसकी सूचना एनडीआरफ की टीम को मिली, तो तुरंत सर्च ऑपरेशन चलाया गया. गश्त के दौरान ही बचाव दल ने बाढ़ के शोर और मौसम के सन्नाटे में इस परिवार की पुकार सुनी.

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ऐसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
एक कमांडो रस्सी के सहारे छत पर चढ़ा और पलक झपकते ही एक बच्ची को निकाल कर लाया. फिर दूसरा बच्चा. फिर 10-11 साल की एक बच्ची. उसके बाद एक और बच्चा. इसके बाद कमांडो ने मां चंपा को मदद देकर नाव पर उतारा. सबसे आखिर में उतरे संजीत. ये पूरा परिवार दृष्टि बाधित है.

लाल निशान से 10 फीट ऊपर बह रही बेतवा
रविवार को बेतवा खतरे के निशान से 10 फीट ऊपर आ गई थी. बेतवा का बहाव अपनी सीमाओं को लांघकर करीब 3 किमी से अधिक के दायरे में रहा. इस दायरे में आने वाले ग्राम रंगई, बेरखेड़ी, सुआखेड़ी, नोनाखेड़ी, पड़रिया, आमखेड़ा, भोरघाट सहित करीब एक दर्जन गांव और विदिशा शहर के कई इलाके डूब में आ गए. ज्यादातर लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छत पर शरण लिए हुए नजर आए.

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