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व्यापम घोटाला: राजनीति तेज, सरकार ने सफाई दी, अब अदालत का कर सकती है रुख

मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले को लेकर राजनीति गरमा गई है. पीएमटी फर्जीवाड़े में आरोपी छात्रों को 24 घंटे से ज्‍यादा समय तक थाने पर रखने को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं, वहीं प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को थाने में छात्राओं से मिलने नहीं देने पर भी बवाल मचा हुआ है. मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले में अदालत जाने का मन बना लिया है.

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मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले को लेकर राजनीति गरमा गई है. पीएमटी फर्जीवाड़े में आरोपी छात्रों को 24 घंटे से ज्‍यादा समय तक थाने पर रखने को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं, वहीं प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को थाने में छात्राओं से मिलने नहीं देने पर भी बवाल मचा हुआ है. दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले में कांग्रेस के खिलाफ अदालत जाने का मन बना लिया है.

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ताजा घटनाक्रम में सत्‍यदेव कटारे ने प्रशासन पर आरोप लगया है कि जब वह छात्राओं की जानकारी लेने महिला थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्‍हें अंदर नहीं जाने दिया, जबकि पुलिस का कहना है कि वह मामले में काई भी जानकारी सिर्फ एसटीएफ को ही दे सकती है. बताया जाता है कि कटारे के आने के पहले पुलिस ने थाने में मौजूद आरोपी छात्राओं को कही और भेज दिया, जबकि कटारे का कहना है कि उन्‍हें किसी अभिभावक का फोन आया और वह इसलिए थाने गए थे.

दूसरी ओर, मुख्‍यमंत्री के कड़े रुख अपनाने की खबरों के बीच कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि वो मुख्यमंत्री के नोटिस के लिए तैयार हैं और उन्हें कोर्ट में जवाब देंगे. मिश्रा ने कहा कि उनके पास पूरे सबूत हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा के नार्को टेस्ट की मांग की है, जिन्हें एसटीएफ ने मामले में गिरफ्तार किया है.

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गौरतलब है प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस के खिलाफ अदालत जाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री के परिवार पर 19 परिवहन आरक्षक की भर्ती करवाने के आरोप हैं. हालांकि परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि सभी 316 आरक्षकों के पते प्रदेश के हैं और कोई भी बाहर का नहीं है. सरकार का कहना है कि कांग्रेस के लोग झूठ बोल रहे हैं.

परिवहन मंत्री के मुताबिक, 'सूची में किसी भी ऐसे आरक्षक का चयन नहीं हुआ है जो मध्यप्रदेश से बाहर का हो. इससे प्रमाणित है कांग्रेस घटिया स्तर की राजनीति कर रही है.' व्यापम घोटाले पर शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को कांग्रेस के प्रवक्ता पर अदालती मानहानि का नोटिस भेज सकते हैं.

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