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व्यापम केस: FIR में दर्ज 'मंत्राणी' नाम बना रहस्य

व्यापम केस में दर्ज FIR से एक नया खुलासा हुआ है. इसमें लिखा गया है कि तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की तरफ से 17 नामों की सिफारिश की गई थी. उसमें से एक सिफारिश 'मंत्राणी' के नाम से भी थी.

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व्यापम केस में दर्ज FIR से एक नया खुलासा हुआ है. इसमें लिखा गया है कि तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की तरफ से 17 नामों की सिफारिश की गई थी. उसमें से एक सिफारिश 'मंत्राणी' के नाम से भी थी. इस FIR में राज्यपाल और मंत्री के नाम के बीच 'मंत्राणी' नाम सवालों के घेरे में है. अब तक यह रहस्य बना हुआ है कि ये 'मंत्राणी' कौन है? एसटीएफ भी इसका पता नहीं लगा पाई है.

यह एफआईआर 24 फरवरी 2015 को दर्ज हुई थी. इसमें वनरक्षक भर्ती घोटाले का जिक्र है. इसके मुताबिक पांच नाम गवर्नर की तरफ से, 17 नाम तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और एक नाम मिनिस्टर वाइफ यानी मंत्राणी की तरफ से भेजा गया था. एसटीएफ भी अभी इस मंत्राणी का पता नहीं लगा पाई है. हालांकि, शक की सुई एक वर्तमान मंत्री की पत्नी, पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की पत्नी पर है.

AAP ने किया विरोध प्रदर्शन
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने भी भोपाल में प्रदर्शन किया. AAP ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल रामनरेश यादव का इस्तीफा मांगा है. आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और दिल्ली प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रैली निकाली और प्रदर्शन किया.

CM और राज्यपाल के इस्तीफे की मांग
संजय सिंह ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल रामनरेश यादव की संलिप्तता जाहिर हो चुकी है. लिहाजा दोनों को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. नौजवान पीढ़ी को बर्बाद करने वालों को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. मामले की जांच सीबीआई के पास है, जांच निष्पक्ष हो इसके लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. दोनों को अब पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.

SC ने दिया CBI जांच का आदेश
बताते चलें कि राज्य में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) इंजीनियरिंग कालेज, मेडीकल कॉलेज में दाखिले से लेकर वे सारी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग आयोजित नहीं करता है. इसमें हुई गड़बड़ियों के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. इस केस की कवरेज करने गए आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह की झाबुआ में संदिग्ध मौत हो गई थी.

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