मध्यप्रदेश के खंडवा में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव फैलने के बाद इंदौर जिले में प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री डालने पर कानूनी रोक लगा दी. जिलाधिकारी आकाश त्रिपाठी ने बताया, खंडवा की हालिया घटना और आगामी त्योहारों के मद्देनजर हमने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाले संदेश और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.
उन्होंने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर और सोशल मीडिया के अन्य मंचों पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जायेगा.
इस धारा में छह माह तक के कारावास अथवा 1,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है. त्रिपाठी ने कहा, सोशल मीडिया पर कई बार सांप्रदायिक माहौल खराब करने की नीयत से असत्य सामग्री पोस्ट की जाती है. इस गलत सामग्री से खासकर युवाओं के मन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
खंडवा में एक भड़काऊ फेसबुक पोस्ट को लेकर 30 जुलाई की रात सांप्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. हालात इस कदर बिगड़ गये थे कि प्रशासन को 31 जुलाई की सुबह से इस शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था. खंडवा में कर्फ्यू फिलहाल जारी है.
हालांकि, हालात तेजी से सामान्य होने के मद्देनजर शहर के लोगों को सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू में लम्बी ढील दी जा रही है.