जिन सड़कों से मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों की लाखों की कार गुजरती थी, वहां सड़कों के गड्ढे वाले मुंहासे डामर के फेशियल से ढंके जाने लगे और जिन सड़कों से आम आदमी की किश्तों पर खरीदी गई गाड़ियां गुजरती हैं, उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया. यानी सड़क बनेगी तो पहले वीआईपी, जैसे आम आदमी को तो धक्का खाना किस्मत में लिखा हो. भोपाल से रायसेन जाने वाली सड़क पर आम आदमी को स्लिप डिस्क हो जाए, गाड़ी गड्ढे में गिर जाए, हाथ टूट जाए, मुंह फूल जाए. गाड़ी का पुर्जा पुर्जा हिले चाहे आम आदमी की हड्डी का मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी यहां नजरें इनायत करने अफसर नहीं आते. देखें ये रिपोर्ट.