देश भर में जहां एक तरफ कोरोना तेजी से बढ़ रहा है वहीं सभी राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. राज्य में लॉकडाउन को लेकर फैसला लेने पर विचार चल रहा है वहीं इसी बीच उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने फैसला किया है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, जिला योजना समिति के 30 प्रतिशत धन का उपयोग कोरोना रोकथाम उपायों के लिए करने की अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सीधे वितरकों के माध्यम से अस्पतालों में पहुंचाई जाएगी, खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से नहीं. अजित पवार ने कहा कि केवल जरूरतमंद मरीजों को ही दवा दी जाएगी. कलेक्टर इसे नियंत्रित करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगले पखवाड़े कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है, जिसके दौरान बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, उपचार आदि का प्रावधान प्राथमिकता से लिया जाना चाहिए. धन और जनशक्ति को घटने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संभागीय आयुक्तों को अधिकार प्राप्त अस्पतालों में सुविधाओं की लागत को मंजूरी देने के लिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई को गति देने का अधिकार होगा.
वहीं महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को देखते हुए कक्षा 10 वीं और 12 वीं के लिए राज्य बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दिए गए हैं. कक्षा 12 वीं की परीक्षाएं मई के अंत तक आयोजित की जाएंगी, जबकि 10 वीं कक्षा की परीक्षाएं जून में होंगी और इसके अनुसार नए सिरे से तारीखों की घोषणा की जाएगी.
बता दें कि रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की कोविड टास्क फोर्स के साथ मीटिंग की. टास्क फोर्स ने राज्य में कम से कम 14 दिन और 21 दिन तक का संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की है. हालांकि, अभी इसपर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन राज्य के जिस तरह के हालात हैं, उस हिसाब से महाराष्ट्र ऐसे ही लॉकडाउन की ओर बढ़ते दिख रहा है.