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पुणेः ओशो फाउंडेशन के मैनेजमेंट पर 1000 करोड़ के घोटाले का आरोप, पुलिस में की शिकायत

ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश ठक्कर ने इस मामले में पुणे के कोरेगांव पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि अगर ठीक तरह से जांच हो तो ये एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला निकलेगा.

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ओशो (फाइल फोटो)
ओशो (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओशो के 7 अनुयायियों का आरोप
  • पुलिस में दी लिखित शिकायत

ओशो के 7 अनुयायियों ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्टी और मैनेजमेंट पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. अनुयायियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. 

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ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश ठक्कर ने इस मामले में पुणे के कोरेगांव पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है. हालांकि, इस मामले में अभी FIR दर्ज नहीं हुई है.

योगेश ठक्कर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि विदेशों में मौजूद ओशो के अनुयायियों से पुणे स्थित ओशो आश्रम की एक्टिविटी के लिए डोनेशन लिया जाता है. डोनेशन में आई ज्यादातर रकम को चैरिटी कमिश्नर और फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट की अनुमति के बिना ही भारत से बाहर लेनदेन और दुरुपयोग किया जाता है.

आरोप ये भी है कि ये पब्लिक ट्रस्ट प्रॉपर्टी की संपत्ति के दुरुपयोग का महज एक उदाहरण है. ओशो के अनुयायी दुनियाभर में हैं. शिकायत में कहा गया है कि अगर ठीक तरह से जांच हो तो ये एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला निकलेगा. ओशो के 7 अनुयायियों ने इस मामले में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) और पुणे पुलिस की एसआईटी की ओर से जांच कराने की मांग की है.

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इन आरोपों को लेकर जब ओशो इंटरनेशनल रिसॉर्ट (कम्युन) की मैनेजमेंट की सदस्य मां अमृत साधना से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है तो पुलिस को सारे तथ्यों की जांच करनी चाहिए.

 

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