महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ कांग्रेस और एनसीपी के बीच तकरार इस्तीफे की सियासत तक पहुंच चुका है. डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी के सभी मंत्रियों ने महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है. इस बीच बुधवार दो बजे एनसीपी विधायक दल की बैठक होनी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
चाचा भतीजा के बीच पावर गेम का नतीजा
एनसीपी कांग्रेस को झटके पर झटका दे रही है और महाराष्ट्र की सिय़ासी जमीन रह रहकर हिल रही है. राजनीति के रिक्टर स्केल पर पहला झटका तब रिकॉर्ड हुआ जब डिप्टी सीएम और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने चव्हाण कैबिनेट से इस्तीफा दिया. दलील ये कि आरोपों से आहत हैं और जब तक पाक साफ साबित नहीं होते पद पर नहीं रहेंगे.
अजित पवार के इस्तीफे के बाद यह सवाल खड़ा हुआ है कि कहीं ये चाचा भतीजा के बीच पावर गेम का नतीजा तो नहीं. लेकिन एनसीपी ने तमाम सवालों को खारिज किया, ऊपर से दावा ये भी कि महाराष्ट्र सरकार की सेहत पर इसका कोई असर नहीं होगा.
अजित पवार के इस्तीफे से कांग्रेस के होश उड़ गए. सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने आनन-फानन में शरद पवार को फोन करके पूछा कि इस्तीफे का क्या करना है. सूत्रों के मुताबिक पवार ने चव्हाण को कहा कि अजित पवार का इस्तीफा मंजूर किया जाए. लेकिन महाराष्ट्र के सीएम अभी और सोच विचार के मूड में हैं.
उधर, शरद पवार के इस दावे के बावजूद की महाराष्ट्र सरकार स्थिर है, अजित पवार के इस्तीफे के कुछ ही देर बाद एनसीपी कोटे के 19 दूसरे मंत्रियों ने महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
एनसीपी की होगी बैठक
इस बीच बुधवार दोपहर 2 बजे एनसीपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. लेकिन सूत्र बताते हैं कि एनसीपी ये तय कर चुकी है कि अजित पवार का इस्तीफा वापस नहीं होगा.
अच्छा हुआ पवार ने दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के इस्तीफे का यह कहते हुए स्वागत किया कि सच जरूर सामने आना चाहिए. बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुधीर मुंगंतिवार ने कहा, ‘चाहे अदालत की ओर से की गयी कटु आलोचना हो या मुख्यमंत्री की ओर से यह कहना कि वह सिंचाई के मुद्दे पर श्वेत पत्र लाएंगे, कोई भी उचित जांच तब तक नहीं हो सकती जब तक मंत्री अपने पद पर बैठा हो.’ उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा हुआ कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया.’ मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि अजीत पवार का इस्तीफा महज एक ‘नौटंकी’ है.
बहरहाल, बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें अजीत पवार पर गर्व है. उन्होंने कहा, ‘राकांपा राज्य में राजनीतिक अस्थिरता नहीं पैदा करना चाहती. अजीत दादा ने काफी सोच-विचारकर इस्तीफा देने का फैसला किया है. मुझे अपने भाई पर गर्व है.’
पवार के इस्तीफे से गठबंधन में दरार
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के इस्तीफे और फिर राज्य सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 20 मंत्रियों के भी इस्तीफे दे देने से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन में दरार आ गयी. ताजा राजनीतिक हालात से मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर दबाव बढ़ गया है.
राकांपा प्रमुख शरद पवार के 53 वर्षीय भतीजे अजित के इस्तीफे से कांग्रेस और राकांपा के 13 साल पुराने गठबंधन को करारा झटका लगा है. अपने उपर लगे सिंचाई घोटाले से जुड़े आरोपों के बाद अजित ने इस्तीफा दिया है. उन पर 1999 से 2009 के बीच राज्य का सिंचाई मंत्री रहते करोड़ों रुपये की परियोजनाएं मंजूर करने में अनियमितता बरतने का आरोप है.
अजित और राकांपा के अन्य नेताओं को निशाना बनाने वाली मीडिया रपटों के सामने आने के पीछे पार्टी कांग्रेस का हाथ मान रही है. बहरहाल, शरद पवार ने किसी तरह के संकट या पार्टी को गठबंधन से बाहर करने का दबाव अपने उपर होने की बातों से यह कहते हुए इंकार किया कि सरकार को अस्थिर करने या और मंत्रियों के इस्तीफे का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.