महाराष्ट्र के तदोबा अंधरी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) और उसके आसपास के क्षेत्रों में 65 बाघ मिले हैं. टीएटीआर के मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में कम से कम 65 बाघ हैं, यह संख्या क्षेत्र में पाये गए 20 शावकों के अतिरिक्त है जो कि काफी उत्साहजनक है.
उन्होंने बताया कि यह आकड़ा एक अप्रैल से 31 मई 2012 के बीच अभयारण्य में निगरानी के बाद मिला जिसमें टीएटीआर के विभिन्न हिस्सों में बाघों की गतिविधियों पर करीब 94 कैमरों से नजर रखी गई.
उन्होंने कहा, ‘टीएईआर में कम से कम 43 बाघ हैं जबकि मध्यवर्ती क्षेत्र में कम से कम 20 बाघ हैं. इसके साथ ही पास के महाराष्ट्र वन विकास निगम (एफडीसीएम) क्षेत्र में दो बाघों की मौजूदगी की बात सामने आयी है.’ 625 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले टीएटीआर को बाघों की उच्च सघनता के लिए जाना जाता है.
तिवारी ने गणना की सटीकता के मुद्दे पर कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जनगणना भी इस तथ्य के बावजूद बिल्कुल सटीक नहीं हो सकती कि लोगों का सम्पर्क के लिए एक विशिष्ट पता, क्षेत्र और अन्य जानकारियां होती हैं. ऐसी संभावना होती है कि कुछ व्यक्ति जनगणना में छूट जाएं.
उन्होंने कहा, ‘कोई भी बाघ अपनी पसंद के क्षेत्र में घूमने के लिए आजाद होता है. इसका क्षेत्र 35 से 50 वर्ग किलोमीटर तक फैला हो सकता है. इसलिए कोई भी उसे कैमरे में कैद करने को लेकर तब तक आश्वस्त नहीं हो सकता जब तक कि वह एक ही रास्ते से नहीं गुजरता है.’
अधिकारी ने कहा, ‘मैं केवल इतना ही दावा कर सकता हूं कि क्षेत्र में कम से कम 65 बाघ हैं.’ उन्होंने बाघों की गणना में इस्तेमाल तनकीक को समझाते हुए कहा कि बाघों के आम मार्गों पर स्वचालित कैमरे लगाये जाते हैं तथा जब भी कोई बाघ वहां से गुजरता है वह उसकी फोटो खींच लेता है.’