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पहले अबू आजमी, अब खालिद अनवर... औरंगजेब पर सियासी लड़ाई महाराष्ट्र से यूपी-बिहार तक आई

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी औरंगजेब पर एक बयान देकर आफत में घिर गए हैं, उनकी माफी भी काम नहीं आ रही है. बीजेपी इस जंग को अंजाम तक ले जाना चाहती है. यूपी से योगी के करारे वार हुए तो महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार फिर एक्शन में आ गई. औरंगजेब की तारीफ करने वाले अबू आजमी के स्थाई निलंबन से लेकर गिरफ्तारी की बात होने लगी. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस अगर अबू आजी को लेकर आक्रामक हैं, तो उनके डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी इशारों में बता रहे हैं कि निलंबन तो एक शुरुआत है.

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औरंगजेब पर सियासी बवाल महाराष्ट्र से निकलकर बिहार तक पहुंच गया है
औरंगजेब पर सियासी बवाल महाराष्ट्र से निकलकर बिहार तक पहुंच गया है

महाराष्ट्र से लेकर यूपी और बिहार तक मुगल बादशाह औरंगजेब पर सियासत धधक रही है. एक तरफ औरंगजेब की तारीफ करने वाले हैं, तो दूसरी तरफ औरंगजेब को क्रूर, दुर्दांत, मंदिरों को तोड़ने वाला शासक बताने वाले हैं. इसकी शुरुआत अबू आजमी के एक बयान से हुई, हालांकि वह अपने बयान को लेकर माफी मांग चुके हैं, लेकिन अब उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है. 

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महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी औरंगजेब पर एक बयान देकर आफत में घिर गए हैं, उनकी माफी भी काम नहीं आ रही है. बीजेपी इस जंग को अंजाम तक ले जाना चाहती है. यूपी से योगी के करारे वार हुए तो महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार फिर एक्शन में आ गई. औरंगजेब की तारीफ करने वाले अबू आजमी के स्थाई निलंबन से लेकर गिरफ्तारी की बात होने लगी.

अब अबू आजमी ने दी लोकतंत्र की दुहाई

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस अगर अबू आजी को लेकर आक्रामक हैं, तो उनके डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी इशारों में बता रहे हैं कि निलंबन तो एक शुरुआत है. आगे और भी बहुत कुछ होगा. उधर अबू आजमी कह रहे हैं कि उनको धमकियां मिल रही हैं. निलंबन की कार्रवाई को लेकर भी उन्होंने विरोध जताया है और लोकतंत्र की दुहाई दी है. साफ है कि ये जंग अभी नहीं थमेगी. महाराष्ट्र से उठी चिंगारी यूपी और बिहार तक जा पहुंची है. 

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क्या कहा जेडीयू एमएलसी ने?

महाराष्ट्र की सियासत में औरंगजेब पर बवाल है. लेकिन इसकी गूंज महाराष्ट्र से निकलकर दूसरे प्रांतों में भी पहुंच गई है. बिहार में जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि औरंगजेब मुगल राजा थे, इतिहासकार कहते हैं कि वह अच्छे राजा थे, कुछ इतिहासकार कहते है कि वो खराब राजा थे, ये तो एकेडमिक डिस्कशन का विषय है, मैं भी इतिहास का छात्र रहा हूं और इतिहासकारों ने लिखा है कि औरंगजेब जालिम नहीं था. मंदिरों को नहीं तोड़ा, ऐसा इतिहासकार कहते हैं, लेकिन मेरी राय ये है कि औरंगजेब एक राजा थे और उन्होंने वही किया जो राजा करता है. राजा को राज चलाने के लिए जो करना पड़ता है, वो राजा करता है. उन्होंने कहा कि मेरी राय है कि औरंगजेब एक अच्छे राजा थे.

मुनव्वर राना के बेटे ने कहा- मेरे पिता 'गोडसे' के दौर में 'गांधीगिरी' कर रहे थे

वहीं, दिवंगत कवि मुनव्वर राना के बेटे तबरेज़ राना ने कहा कि औरंगज़ेब ने 48 साल तक राज किया. अगर उसने उन 48 साल तक हिंदुओं का कत्लेआम किया होता, तो उन्होंने बहुतों को मार डाला होता. क्या तब हिंदू बच पाते? क्या मंदिर 48 साल तक बचे रहते? पिछले 10 साल की सरकार में बुलडोजर चलाए गए, लेकिन उनके पास 48 साल थे. तब न हम थे, न सोशल मीडिया. उन्होंने कहा कि जब मेरे दिवंगत पिता मुनव्वर राना बुरे हो सकते थे, तो उनकी क्या गलती थी? कि वो 'गोडसे' के दौर में 'गांधीगिरी' कर रहे थे. ये (विवाद) तब होता है, जब हमारे पास दिखाने के लिए कुछ नया नहीं होता. अगर हमने कुछ नया, कुछ अच्छा किया होता, तो हम अतीत में नहीं जाते. आप मुगल से नफरत करते हैं लेकिन मुगलई को पसंद करते हैं.

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