महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष चित्रा वाघ के पति किशोर वाघ के खिलाफ गलत तरीके से पैसे बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज की है. हालांकि यह मामला 2016 का है.
किशोर वाघ मुंबई के परेल स्थित गांधी मेमोरियल अस्पताल में लाइब्रेरियन के रूप में काम कर रहे थे. हालांकि एक मामले में 4 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद उन्हें 5 जुलाई 2016 को निलंबित कर दिया गया था.
इस रिश्वत कांड में 1 दिसंबर, 2006 से 5 जुलाई, 2016 के बीच उनकी नौकरी के दौरान एसीबी द्वारा किशोर वाघ की संपत्ति की खुली जांच की गई. जांच के दौरान वैध तरीके से हुई आय, निवेश, जमा, अकाउंट्स की इनफ्लो और आउटफ्लो, विरासत में मिली संपत्ति तथा खर्च आदि की पड़ताल की गई.
जांच के दौरान किशोर वाघ की संपत्ति में 1 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी पाई गई. किशोर की संपत्ति उनकी कुल आय से करीब 90 प्रतिशत अधिक है. उनके खिलाफ मुंबई में 12 फरवरी, 2021 को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (2) और 13 (1) ई के तहत बर्बरी डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त नवनाथ जगताप की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.
चित्रा वाघ के पति के खिलाफ यह खुली जांच जब शुरू की गई तब बीजेपी सत्ता में थी. चित्रा के 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने के बारे में काफी चर्चा हुई थी.
पूजा चव्हाण केस में महाराष्ट्र में MVA सरकार की आलोचना करने के मामले में चित्रा वाघ बेहद मुखर रही हैं. वह मंत्री संजय राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई के लिए की मांग कर रही हैं. विपक्ष का आरोप है कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण वाघ के पति को निशाना बनाया गया है.