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सलमान खान की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, पत्रकार से मोबाइल छीनने और मारपीट का आरोप

पत्रकार से बदसलूकी मामले में सलमान खान की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. एक्टर ने अंधेरी मजिस्ट्रेट के समन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. पत्रकार ने सलमान पर मोबाइल छीनने और मारपीट करने का आरोप लगाया है.

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एक्टर सलमान खान की याचिका पर आज फैसला (फाइल फोटो)
एक्टर सलमान खान की याचिका पर आज फैसला (फाइल फोटो)

पत्रकार से मारपीट और बदसलूकी मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट एक्टर सलमान खान की याचिका पर आज फैसला सुनाएगी. अंधेरी मजिस्ट्रेट के समन के खिलाफ सलमान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. पत्रकार का आरोप है कि सलमान खान की टीम ने उनका फोन छीन लिया था. उसने बदसलूकी और मारपीट का भी आरोप लगाया है. 

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बॉम्बे हाई कोर्ट आज पत्रकार बदसलूकी मामले में एक्टर सलमान खान की याचिका पर फैसला सुनाएगा. सलमान खान के खिलाफ अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से समन जारी किया गया था, जिसके खिलाफ सलमान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने 23 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

हाई कोर्ट के जस्टिस भारती डोंगरे की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि लोगों की अपनी निजता होनी चाहिए. चाहे वह अभिनेता हो, वकील या जज. जस्टिस डांगरे ने आगे कहा- आप में से कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. ना कोई एक्टर और ना प्रेस के लोग. उन्हें भी कानून का पालन करना होता है.  

सलमान खान पर क्या है आरोप? 

एक्टर सलमान खान पर आरोप है कि उन्होंने बॉडीगार्ड्स के साथ मिलकर मुंबई की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया था. यह घटना तब हुई जब मीडियाकर्मी ने उनकी तस्वीरें क्लिक करनी शुरू कीं. एक्टर ने कथित तौर पर बहस की और पत्रकार को धमकी दी. सुनवाई के दौरान कोर्ट में पत्रकार के बयान बदलने पर भी चर्चा हुई.  

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कोर्ट को बताया गया कि पत्रकार पहले पुलिस के पास गया था और उसने कथित तौर पर सिर्फ अपना फोन लिए जाने का उल्लेख किया था. जबकि हमले के बारे में कुछ भी नहीं बताया था. बाद में जब उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई तो कथित तौर पर मारपीट का भी जिक्र किया. इसको लेकर जस्टिस डांगरे ने पूछा कि दो महीने बाद आपको पता चला कि मारपीट की गई थी, हमला किया था? आपने तुरंत मारने या हमला करने की बात नहीं कही, लेकिन दो महीने बाद आप कहते हैं कि आप पर हमला किया गया है. पुलिस को दी गई अपनी पहली शिकायत देखें. 

'झपट्टा मारकर फोन ले गए' 

पत्रकार की तरफ से पक्ष रख रहे अधिवक्ता फाजिल शेख ने कहा कि पहली शिकायत में भी ऐसा उल्लेख किया गया था. बयान में लिखा है- झपट्टा मारते हुए वो जबरन फोन ले गए और चले गए. हाथापाई हुई, सलमान खान वहां थे. उन्होंने बल का प्रयोग किया. जब पत्रकार ने पुलिस कंट्रोल को 100 डायल किया, तब उन्होंने फोन वापस कर दिया. 

'कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ?' 

सलमान खान के वकील आबाद पोंडा ने हाई कोर्ट में कहा कि पत्रकार के बयान में बदलाव हुआ है. उसने घटना के दिन पुलिस के सामने बयान दिया था और कुछ महीने बाद उसने अंधेरी कोर्ट में शिकायत दर्ज की. जस्टिस डांगरे ने आगे कहा कि प्रोसेस फॉलो करते समय मजिस्ट्रेट ने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. कृपया तारीखें देखें. उसने 200 से पहले 202 किया है. पहले 200, फिर 202 करना है. 

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कोर्ट ने कार्रवाई पर उठाए सवाल 

सीआरपीसी की धारा 200 में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट शिकायतकर्ता और गवाहों की जांच करेगा, यदि कोई हो तो शपथ पर और इसे लिखित रूप के बाद दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेगा. सीआरपीसी की धारा 202 में कहा गया है कि शिकायत मिलने पर यदि मजिस्ट्रेट को उचित लगता है तो उसे या तो स्वयं मामले की जांच करनी चाहिए या कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं, यह तय करने के उद्देश्य से एक पुलिस अधिकारी द्वारा जांच करने का निर्देश देना चाहिए. इसलिए बेंच का मानना ​​था कि शिकायतकर्ता के बयान को लिखित रूप में दर्ज करने से पहले मजिस्ट्रेट पुलिस को मामले की जांच करने के लिए नहीं कह सकते थे. 

सलमान की याचिका पर आज फैसला सुनाएगा कोर्ट 

इस मामले में आईपीसी की धारा 504 और 506 भी लगाई गई है. धारा 504 उन लोगों के खिलाफ लगाई जाती है जो जानबूझकर किसी व्यक्ति को उकसाने के लिए उसका अपमान करते हैं, इस इरादे से या यह जानते हुए कि इस तरह के उकसावे से सार्वजनिक शांति भंग होगी, या कोई अन्य अपराध होगा. धारा 506 आपराधिक धमकी के लिए है. जस्टिस डांगरे ने कहा- धमकी के संबंध में धारा 504, 506 जरूरी है, जबकि शिकायत में धमकी का जिक्र नहीं है. 

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