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Maharashtra Political Crisis: 'हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई' Aditya Thackeray का Shinde गुट पर निशाना

Maharashtra Political Crisis: आदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर इतनी हिम्मत होती तो मुंबई में रहकर बात करते. जिस राज्य में परिस्थिति विकट है, उस राज्य में जाकर मौज मस्ती कर रहे हैं.

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आदित्य ठाकरे (File Photo)
आदित्य ठाकरे (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आदित्य ठाकरे ने युवा सेना के कार्यकर्ताओं को किया संबोधित
  • हमारी असली ताकत शिव सैनिक हैं- आदित्य ठाकरे

महाराष्ट्र की सियासी जंग में हर तरफ से बयानबाजी का दौर भी जारी है. रविवार को शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने बागी शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा. दरअसल, आदित्य युवा सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे.

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आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारी असली ताकत शिव सैनिक हैं. परसों तक जो मेरी गाड़ी में बैठे थे, वो भी जा चुके हैं. उद्धव ठाकरे बीमार हैं और ऐसे समय यह परिस्थिति हमारे ऊपर आई है. आज बाला साहब ठाकरे या आनंद दिघे होते और उनके सामने यह सब होता तो वह बागियों को अपनी भाषा में समझाते.

उन्होंने आगे कहा कि मुझे दिलवाले फिल्म का एक डायलॉग याद आ रहा है. डायलॉग है 'हम शरीफ क्या हुए और सारी दुनिया बदमाश हो गई'. उन्होंने युवा सेना के कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं तो सड़क पर उतर ही रहा हूं, लेकिन आप भी घर-घर जाकर बागियों की सच्चाई लोगों तक पहुंचाइए.

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि आज हिम्मत से यह सारी नई पीढ़ी यहां आई है. मैं आप लोगों के साथ हूं. जितना प्यार और विश्वास उन लोगों पर किया था उतना किसी पर नहीं किया, जो विभाग पिछले 50 सालों से किसी मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा, वह विभाग उन्हें दिया गया. फिर भी उन्होंने बोलने की हिम्मत नहीं की और सूरत जाकर बगावत की.

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आदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दिन बड़ी-बड़ी बातें की जा रही थी कि सुपर पावर क्या, पाकिस्तान क्या, अगर इतनी हिम्मत होती तो मुंबई में रहकर बात करते. जिस राज्य में परिस्थिति विकट है, उस राज्य में जाकर मौज मस्ती कर रहे हैं. सिर्फ खाने का बिल 8 लाख और क्या-क्या है. अब तो सीआरपीएफ की सिक्योरिटी दी गई है. यह सीआरपीएफ की सिक्योरिटी हमारे कश्मीरी पंडितों को दी जानी चाहिए थी. इसकी मांग हमने पिछले महीने ही की थी.
 
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि प्रकाश सुर्वे जैसा आदमी जा सकता है. जिन-जिन लोगों को मैंने फंड दिया है. हालांकि, मैंने उन पर कोई उपकार नहीं किया, लेकिन ऐसे लोगों के साथ हमें लड़ना पड़ेगा. पिछली बार की 2 बगावत याद आ रही हैं, उसमें से एक तो बाला साहब ठाकरे ने वहीं खत्म कर दी थी और दूसरी बगावत खत्म करने में हमें एक से डेढ़ साल लगे थे.

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि जब मच्छर घर आते हैं, तब पता नहीं चलता कहां से आ रहे हैं. तब हम गुड नाइट लगाते हैं, लेकिन अगर यह शेर होते तो भागते नहीं. मैं आज भी चैलेंज दे रहा हूं, मैं जानता हूं कि 15 से 16 लोग ऐसे हैं, जो वहां तकलीफ में है. जिन्हें किडनैप किया गया है. कल का वीडियो देखा कि दो नेताओं को गला पकड़कर घसीट कर ले जाया जा रहा है. हर बाथरूम में पुलिस वाले और सीआरपीएफ वाले लगाए गए हैं. उन्हें लगा कि जैसी इज्जत हम यहां करते थे, वैसी ही इज्जत वहां मिलेगी. लेकिन जो लोग वहां गए, वहां जाकर वह कैदी बन गए.

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