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बिलकिस बानो के सवाल पर बोले आदित्य ठाकरे- मेरे हिन्दुत्व में बलात्कारियों की आरती नहीं होती

आदित्य ठाकरे ने गुजरात के बिलकिस बानो रेप केस के दोषियों को रिहा करने पर बीजेपी और गुजरात सरकार पर तीखा हमला किया है. आदित्य ठाकरे ने कहा है कि क्या रेप का जश्न मनाया जा सकता है? क्या बच्चों की हत्या पर कुछ लोग खुशी मना सकते हैं? उन्होंने कहा कि हमारा हिन्दुत्व बलात्कारियों की आरती करना नहीं सिखाता है.

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आदित्य ठाकरे (फोटो- ट्विटर)
आदित्य ठाकरे (फोटो- ट्विटर)

महाराष्ट्र में सिंबल और नाम को लेकर चल रहे कानूनी जंग के बीच आदित्य ठाकरे ने कहा है कि 40 गद्दार हमारा नाम हमसे छीनने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो रेप केस के दोषियों को रिहा करने पर बीजेपी और गुजरात सरकार पर तीखा हमला किया है. आदित्य ठाकरे ने कहा है कि क्या रेप का जश्न मनाया जा सकता है? 

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आजतक से बातचीत के दौरान हमारे संवाददाता साहिल जोशी ने कहा कि दहशरे के भाषण में उद्धव ठाकरे ने बिलकिस बानो के दोषियों को छोड़ने का जिक्र किया, शिवसेना पर आरोप ये लग रहा है कि शिवसेना सेकुलर हो रही है. 2014 के बाद शिवसेना इवोल्व होने की कोशिश कर रही है.

आदित्य ठाकरे ने इसके जवाब में कहा कि जो मैंने मेरे दादा जी से हिन्दुत्व सीखा है उसमें कभी भी नहीं गया है कि रेपिस्ट की आरती करो, पूजा करो. ये कभी नहीं कहा गया है. जो भी रेपिस्ट हो उसे फांसी पर चढ़ाओ, यही मेरे दादा जी का हिन्दुत्व था. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. जो रेपिस्ट होता है उसका धर्म, प्रांत, जाति, भाषा देखे बिना उसे फांसी दी जानी चाहिए. यहीं हमारी न्याय व्यवस्था भी कहती है. उन्होंने कहा कि राजनीति इवोल्व होती है, लेकिन हम तो विचारधारा को पकड़ते हैं. 

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आदित्य ठाकरने कहा कि जब हमारे धर्म के खिलाफ कोई आएगा तो हम खड़ा होंगे. लेकिन हमारा धर्म ये भी कहता है सबकी सेवा भी करो. हमारा हिन्दुत्व कहता है सब को साथ लेकर चलो. उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की बात आती है तो शायद ही पूरे देश में किसी व्यक्ति ने अयोध्या का उतना दौरा किया जितना उद्धव ने किया. उन्होंने कहा कि हमारा हिन्दुत्व थोड़ा अलग है. जब हमने औरंगाबाद का नाम बदला, उस्मानाबाद का नाम बदला तो किसी तरह की हिंसा नहीं हुई. ये हमारा हिन्दुत्व है. हम बिना नफरत फैलाए अपना काम करते हैं.

क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना अगला चुनाव फिर से कांग्रेस एनसीपी के साथ लड़ेगी? या फिर शिवसेना एक बार फिर से बीजेपी के साथ आएगी या फिर क्या वे शिंदे कैंप के साथ चुनाव लड़ सकते हैं?  इस सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि गद्दारों से पूछा जाना चाहिए कि उन्हें वो सीटें वापस मिलेंगी या नहीं, कई लोगों ने रिटायरमेंट का प्लान बना लिया है. कई सीटों पर दावा हो रहा है.

आदित्य ने कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला तो सीनियर लड़ेंगे लेकिन लोकतंत्र में इस प्रैक्टिस के खिलाफ लड़ना जरूरी है. अन्यथा एक बार इसे वैधता मिल जाने के बाद सभी पार्टियों को दिक्कत होगी. आदित्य ठाकरे ने कहा कि गद्दारों ने नैरेटिव का मुखौटा पहना हुआ है. अगर इन्हें हमारे काम करने के तरीके से दिक्कत थी तो ये इस्तीफा देने के बाद जहां चाहें वहां जा सकते हैं.   

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आदित्य ठाकरे से जब राजनीति में उनके सहज प्रवेश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए अमिताभ बच्चन को याद किया. उन्होंने  कहा कि आज अमिताभ बच्चन का जन्मदिन है. और उनकी एक फिल्म है अग्निपथ. इस फिल्म की सीख है कि राजनीति में आपको अपना रास्ता खुद बनाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राजनीति का चरित्र ऐसा ही लेकिन हमें 40 गद्दारों की करतूत का अंदाजा नहीं था.  

  
 

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