महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने दिवाली के दौरान लागू होने वाली प्रस्तावित 10 प्रतिशत किराया वृद्धि को सोमवार को रद्द कर दिया. विधानसभा चुनाव से पहले घोषित किराया वृद्धि रद्द होना त्योहारी सीजन के दौरान राज्य परिवहन की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है. एमएसआरटीसी का यह फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मुंबई में प्रवेश करने वाले हल्के मोटर वाहनों को टोल टैक्स में छूट देने की घोषणा के बाद आया है.
संशोधित किराया 25 अक्टूबर से 24 नवंबर के बीच लागू होना था, जिससे नकदी संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को 70 से 80 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान था. MSRTC के एक अधिकारी ने बताया कि परिवहन निगम ने सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को एक सर्कुलर जारी कर प्रस्तावित किराया वृद्धि को लागू नहीं करने का निर्देश दे दिया है. यह परिपाटी चंबे समय से चली आ रही थी, जब एमएसआरटीसी को राज्य सरकार द्वारा हर साल त्योहारी सीजन के दौरान किराया बढ़ाने की अनुमति दी जाती थी और यह बढ़ोतरी आम तौर पर 10 प्रतिशत होती थी.
एमएसआरटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष भरत गोगावले ने हाल ही में किराए में निर्धारित बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, मंत्रालय (महाराष्ट्र सचिवालय) ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा, 'प्रस्तावित किराया संशोधन को रद्द करने से एमएसआरटीसी पर वित्तीय बोझ पड़ेगा क्योंकि उसे दिवाली से पहले कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करने के अलावा पात्र कर्मचारियों को बोनस के रूप में 40 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.'
पिछले साल एमएसआरटीसी ने दिवाली सीजन के दौरान राज्य परिवहन बसों की मांग में वृद्धि का हवाला देते हुए 8 से 27 नवंबर के बीच 10 प्रतिशत किराया बढ़ोतरी लागू की थी. एमएसआरटीसी भारत के सबसे बड़े परिवहन निगमों में से एक है जो 15,000 बसों का बेड़ा संचालित करता है और इन बसों के माध्यम से हर दिन 55 लाख से अधिक यात्री अपने गंतव्यों तक पहुंचते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, उससे पहले राज्य की महायुति सरकार जनहितकारी फैसले लेकर अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास में लगी है.