महाराष्ट्र में अकोला के बाद अब अहमदनगर से हिंसा की खबर आ रही है. अहमदनगर जिले के शेवगाव मे रविवार रात एक धार्मिकयात्रा के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई जिसके बाद हिंसा और जमकर पत्थरबाजी हुई. हिंसा के दौरान आठ पुलिस के जवान जख्मी हो गए है. इस धार्मिक यात्रा के लिये अतिरिक्त पुलिस, एसआरपीएफ फोर्स की पहले से ही तैनाती की गई थी.
हिंसा और पत्थरबाजी के मामले में पुलिस ने 50 लोगों को हिरासत में ले लिया है. फिलहाल हालात काबू में हैं. यह घटना औरंगाबाद और अहमदनगर शहर से तकरीबन 80 किलोमीटर दूरी पर हुई. मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है.
खबर के मुताबिक, छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती पर रविवार शाम को एक जुलूस निकाला गया था. इसी दौरान एक गुट ने जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद एक धार्मिक स्थल पर दूसरे गुट की तरफ से भी पथराव किया गया और हिंसा भड़क उठी. पुलिस ने अब तक इस मामले में 50 लोगों को हिरासत मे लिया है.
अहमदनगर में बीते एक महीने में हिंसा का यह दूसरा मामला है. बीते अप्रैल में दो गुटों में हुई जबरदस्त भिडंत ने हिंसा का रूप ले लिया था. इस दौरान पत्थरबाजी हुई थी और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था. यहां दो लोगों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि उसने हिंसा का रूप ले लिया.
इससे पहले शनिवार को ही महाराष्ट्र के अकोला में इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर दो समुदायों में झड़प हो गई थी. इसके बाद जमकर पथराव हुआ था. उपद्रवियों ने इस दौरान कई गाड़ियां तोड़ दी थीं. हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जबकि दो पुलिसकर्मी समेत 8 लोग जख्मी हुए थे. इसके बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर धारा 144 लगा दी गई थी.
हिंसा में विलास गायकवाड़ की मौत हो गई थी. 40 साल के विलास इलेक्ट्रिशियन थे. पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर किए गए एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर शिकायत करने थाने पहुंची भीड़ ने उग्र होकर तोड़फोड़ की थी. देखते ही देखते एक और समुदाय के लोग सामने आ गए, उन्होंने भी पथराव शुरू कर दिया था. दोनों पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई. पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए बल का प्रयोग किया था. उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे.