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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी AIMIM, वंचित बहुजन आघाडी से किया किनारा

एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश अंबेडकर एआईएमआईएम को सिर्फ 8 विधानसभा सीटें देने को राजी थे. जिसके चलते दोनों पार्टियों में बात नहीं बनी.

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प्रकाश अंबेडकर और असदुद्दीन ओवैसी (Courtesy- PTI)
प्रकाश अंबेडकर और असदुद्दीन ओवैसी (Courtesy- PTI)

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  • वंचित बहुजन आघाडी और AIMIM के बीच सीटों के बंटवारे पर नहीं बनी बात
  • अब एआईएमआईएम जल्द ही अपने उम्मीदवारों के चयन की करेगा शुरुआत

महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी के बीच दरार पड़ गई है. एआईएमआईएम ने अपने दम पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

हालांकि लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम और वंचित बहुजन आघाडी गठबंधन काफी हद तक सफल रहा है, लेकिन अब विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.

वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश अंबेडकर एआईएमआईएम को सिर्फ 8 विधानसभा सीटें देने को राजी थे. साथ ही प्रकाश अंबेडकर औरंगाबाद सेंट्रल सीट एआईएमआईएम को देने को तैयार नहीं हैं. इसके चलते एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. इस गठबंधन के टूटने के बाद अब एआईएमआईएम जल्द ही अपने उम्मीदवारों के चयन की शुरुआत करेगा.

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एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद इम्तियाज जलील ने घोषणा की कि वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर के साथ करीब दो महीने तक सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा चली. हालांकि दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई.

एआईएमआईएम को सम्मानजनक सीटें नहीं मिल रही थी, जिसके चलते अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. जलील ने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से सिर्फ 8 सीटें एआईएमआईएम को देना चाहती थी. प्रकाश अंबेडकर संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर के पोते हैं.

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