आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार के बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है. आयोग ने कहा कि तमाम सबूतों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी और पार्टी का निशान मिलने के बाद अब अजित पवार गुट शरद गुट के पास पार्टी का दफ्तर भी छोड़ने के मूड में नहीं है.
'पार्टी फंड के लिए जारी है मशवरा'
अजित पवार गुट के सूत्रों के मुताबिक, आयोग के फैसले के बाद अजित पवार ने अब एनसीपी के मुख्यालय पर दावा करने की तैयारी शुरू कर दी हैं. ये ऑफिस महाराष्ट्र सरकार द्वारा एनसीपी को आवंटित किया गया है. इसके अलावा पार्टी के फंड पर दावा करना है या नहीं इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अजित पवार से सलाह मशवरा करेंगे.
दरअसल, दक्षिण मुंबई के नरीमन पॉइंट में स्थित पुराण कार्यालय को मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण स्थानांतरित कर बल्लार्ड एस्टेट के सरकारी बैरक में नया कार्यालय एमएमआरडीए द्वारा तैयार कर दिया गया है.
ट्रस्ट के पास है NCP के कार्यालयों का मालिकाना हक
पिछले साल एनसीपी में फूट के बाद से एनसीपी मुख्यालय शरद पवार के पास है. अब चुनाव आयोग द्वारा अजित गुट को असली एनसीपी करार दिए जाने के बाद और नियमों के अनुसार, अजित गुट को कार्यालय मिलने में परेशानी नहीं होगी. हालांकि, राज्य में कई पार्टी कार्यालय एनसीपी वेलफेयर फण्ड से बने हैं, जिसका मालिकाना अधिकार एनसीपी ट्रस्ट के पास है. ट्रस्ट के अध्यक्ष शरद पवार हैं, जबकि ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में अजित पवार, सुप्रिया सुले, हेमंत टकले शामिल हैं. इसलिए उन पार्टी कार्यालय पर दावा करने पर दिक्कत हो सकती है.
अजित गुट ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
वहीं, अजित पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है. अजित पवार गुट ने कहा है कि अगर मामले में विपक्षी शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करे और कोर्ट आदेश जारी करता है तो इसमें उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए.