सूखे को लेकर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अब प्रायश्चित कर रहे हैं. सतारा में वाईबी चव्हाण की समाधि पर वह एक दिन के अनशन पर बैठे हैं. वह सूखे पर दिए आपत्तिजनक बयान को लेकर उपवास कर रहे हैं.
हालांकि विपक्ष ने अजित पवार के अनशन को 'राजनीतिक नौटंकी' करार दिया है तो सूबे के मुख्यमंत्री ने भी इस पर चुटकी ली है. मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हर नेता को कभी न कभी आत्म-परिक्षण करना पड़ता है.
भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फड़नविस ने कहा, 'उन्हें प्रायश्चित करने के बजाय अपना इस्तीफा दें.'
हालांकि अजित पवार ने कहा है कि जो व्यक्ति काम करता है उससे गलतियां हो जाती हैं. मैंने भी अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करने का फैसला किया है. आज अंबेडकर जयंती होने के साथ वाईबी चव्हाण की पूण्यतिथि भी है इस वजह से मैंने उपवास करने का फैसला किया. यह कार्यक्रम पूर्वनियोजित नहीं था वरना मैं इसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकता था.
...तो क्या पेशाब करें: अजित पवार
गौरतलब है कि एनसीपी प्रमुख और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने पुणे में आयोजित एक सभा में कहा था कि जब पानी नहीं तो कहां से मिलेगा, बांध में पानी नहीं तो क्या करें. उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल करने से पानी नहीं मिलेगा, क्या पानी-पानी करते हो. नदी में पानी नहीं है तो क्या पेशाब करें.