पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले (Pune Porsche Case) में नाबालिग आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बीच पुणे के कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम अजित पवार ने शनिवार सुबह मीडिया से बात करते हुए इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह घटना घटी, उसके दूसरे दिन ही देवेंद्र फडणवीस पुणे आए थे और उन्होंने सारी जानकारी लेते हुए पुलिस विभाग को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि इसकी छानबीन सही और गहन तरीके से हो.
पवार ने कहा कि फडणवीस इस मामले की रोज जानकारी ले रहे हैं और पुणे का गार्डियन मिनिस्टर होने के नाते मैं भी हर रोज जानकारी ले रहा हूं. नाबालिग को तुरंत बेल मिलने पर अजित पवार ने कहा कि बेल सरकार नहीं, कोर्ट देती है. लेकिन बेल के तरीके पर सवालिया निशान उठते हैं. बेल के बाद जिस तरीके से पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया, पुलिस कमिश्नर ने भी इसमें ध्यान दिया है.
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हम कुछ भी नहीं छिपा रहे हैं
अजित पवार ने कहा, 'जो लोग दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है. लड़के को पहले रिहा किया गया था उसके बाद फिर गिरफ्तार किया गया उसके पिता को भी अरेस्ट किया गया. मैं मीडिया से और जनता से कहना चाहूंगा कि हम बार-बार कैमरा के सामने नहीं आते इसका मतलब यह नहीं कि हमको छुपा रहे हैं.'
घटना के बाद विधायक सुनील टिंगरे की पुलिस स्टेशन में मौजूदगी पर अजित पवार ने कहा, 'जो स्थानीय विधायक होते हैं अगर उनके विभाग में ऐसी कोई घटना होती है तो उन्हें वहां जाना पड़ता है.इससे पहले भी सुनील टिंगरे के विभाग में एक हादसा हुआ था जहां पर वह मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने लोगों की मदद की थी. स्थानीय लोक प्रतिनिधि ऐसे समय वहां पर पहुंचते हैं और पीड़ितों को जो मदद करनी है वह करते हैं. लेकिन इसके लिए जो भी दोषी हो उन पर करवाई होनी चाहिए और अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो उसके खिलाफ एक्शन होना चाहिए.'
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दोषी कोई भी हो, उसके खिलाफ हो एक्शन
अजित पवार ने कहा कि मामला दबाने की कोशिश या ऐसा कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा, 'कुछ विभाग के लोगों ने गलतियां की हैं जिन पर कार्रवाई की गई है. मैं पुलिस कमिश्नर से साल भर बात करता हूं लेकिन इस केस के लिए मैंने पुलिस कमिश्नर को कोई भी कॉल नहीं किया. मैं पिछले 30 साल से काम कर रहा हूं. मैं अधिकारियों से कहता हूं कि जो अधिकारी है दोषी है उनपर करवाई हो और बेकसूर है उनको तकलीफ ना हो.'
आपको बता दें कि ‘पोर्श’ दुर्घटना मामले के आरोपी किशोर के रक्त के नमूनों की कथित अदला-बदली की बात सामने आने के बाद ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घटकांबले को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस का कहना है कि हादसे के समय कार किशोर चला रहा था.