महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जबकि एक आरोपी फरार है. दावा किया जा रहा है कि बिश्नोई गैंग से जुड़े लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया. इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है.
क्या बोले अजित पवार
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि हमें अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि ये घटना हो गई है. उनके साथ हम लोगों ने मंत्रालय मे काम किया है. वह काफी मददगार इंसान थे. हत्यारों को ढूंढ़ने के लिए 5 टीम बनाई गई है. उनकी तलाश के लिए अलग-अलग राज्यों में दबिश दी जाएगी. इस मामले को लेकर हमने मुख्यमंत्री समेत तमाम आला अधिकारियों से बातचीत की है. जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा. वहीं, अजित पवार ने बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी से भी मुलाकात की.
फरवरी 2024 में एनसीपी में हुए थे शामिल
इस साल फरवरी में, बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) गुट का दामन थाम लिया. बाबा सिद्दीकी तीन बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार आशीष शेलार से हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने 1992 से 1997 तक लगातार दो कार्यकालों तक नगरसेवक के रूप में भी काम किया.
NSUI से शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
कांग्रेस-एनसीपी सरकार के दौरान, बाबा सिद्दीकी ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभागों में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. उनका राजनीतिक करियर किशोरावस्था में शुरू हुआ जब उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) में शामिल होकर अपने सफर की शुरुआत की. इसके बाद, उन्हें मुंबई नगर निगम में नगरसेवक के रूप में चुना गया. 1999 में, वह पहली बार विधायक बने और 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम सीट से फिर से चुने गए.
भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए भी जाने जाते थे
65 वर्षीय बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में से एक थे. उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभागों में राज्य मंत्री के रूप में भी सेवा दी. राजनीति से ज्यादा, सिद्दीकी अपने सामाजिक गतिविधियों और हर साल आयोजित होने वाले भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए जाने जाते थे. बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1959 को पटना में हुआ था, लेकिन वह मुंबई में पले-बढ़े और 1977 में किशोरावस्था में ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्होंने स्थानीय जनता के साथ मजबूत संबंधों के कारण तेजी से पार्टी में ऊंचाई हासिल की.