महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि ये क्लियर नहीं है कि एकनाथ शिंदे ने अपने बयान 'मुझे हल्के में मत लेना' के जरिए किस पर निशाना साधा. 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में अजित पवार ने खुद सवाल किया कि क्या शिंदे का इशारा शिवसेना (यूबीटी) की तरफ था, या किसी और की तरफ?
तालकटोरा स्टेडियम में शिंदे की मौजूदगी में अजित पवार ने कहा कि हाल ही में एकनाथ जी ने एक मुहावरा इस्तेमाल किया था, 'मुझे हल्के में मत लेना'. हालांकि ये अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उनका निशाना किस पर था. हालांकि अजित पवार के संबोधन के बाद शिंदे ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कार्यक्रम के दौरान शिंदे ने कहा कि 'मुझे हल्के में मत लेना' वाली टिप्पणी 2 साल पहले हुई एक घटना का संदर्भ थी. वहीं, अजित पवार ने कहा कि महायुति गठबंधन में कोई दरार नहीं है.
इसी कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया गया था. शिंदे ने ये भी कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर रिश्ते निभाने चाहिए, और इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार ने सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान सौहार्दपूर्ण मुलाकात की. अजित पवार और एकनाथ शिंदे दोनों ने बढ़ती अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा पर चिंता व्यक्त की और मराठी भाषा को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई.
महाराष्ट्र के सियासी हलकों में चर्चा है कि सूबे की महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. इसके संकेत उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हालिया बयानों से मिलते हैं. हाल ही में शिंदे ने 'तांगा पलटने' वाला बयान दोहराया. नागपुर में पत्रकारों ने शिंदे से जब उनके इस बयान के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि मैं बालासाहेब और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं. मुझे हल्के में मत लेना, जब हल्के में लिया तो 2022 में तांगा पलटी कर दी थी.