बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के बाद उनकी मां अलका अन्ना शिंदे ने CM एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अन्य राजनेताओं के साथ-साथ कई मीडिया हाउसों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है. आरोपी की मां ने मजिस्ट्रेट कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर इन सभी से बिना शर्त माफी और करोड़ों रुपये का हर्जाने की मांग की है.
अलका ने अपने वकील कतरनवारे के द्वारा अदालत में आपराधिक मानहानि और सिविल मानहानि का मुकदमा दायर किया है और प्रत्येक राजनेता से बिना शर्त माफी और करोड़ों रुपये से ज्यादा की क्षतिपूर्ति की मांग की है. उन्होंने राजनीतिक दलों और मीडिया हाउस से 300 करोड़ रुपये की मांग की है. उन्होंने याचिका में अपना पता कल्याण रेलवे स्टेशन के पास एक बस स्टॉप बताया है.
'समाज ने किया बहिष्कार'
उन्होंने दावा किया कि जैसे ही उनके बेटे को 12 से 13 अगस्त के बीच हुए बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किया गया, विरोध प्रदर्शन किया गया. जब मीडिया ने उनके बेटे की तस्वीरें दिखाईं तो उनके और उनके पति के साथ मारपीट की गई और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया. बेटे की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार का समाज न बहिष्कार कर दिया. अलका का कहना है कि वह और उनके पति अब भी कभी बस स्टॉप तो कभी कल्याण रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रह रहे हैं. अलका मैनुअल सफाईकर्मी के रूप में काम करती हैं और कहती हैं.
मुकदमे में दावा किया गया है कि यह मुठभेड़ कथित तौर पर इस हफ्ते होने वाले चुनाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए की गई थी. उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया है और उन्होंने अपनी आजीविका का एकमात्र स्रोत खो दिया है. इसी बीच 23 सितंबर को उनके बेटे का कथित तौर पर पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया.
'राजनीतिक लाभ के लिए हुआ एनकाउंटर'
याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनेताओं और उनके समर्थकों ने आगे बढ़कर मुठभेड़ का समर्थन किया और इसमें देरी के लिए न्यायिक प्रणाली की आलोचना की. आरोप है कि मनसे नेता राज ठाकरे की पत्नी ने पुलिसकर्मियों की तारीफ की और मांग की कि बलात्कार के मामलों में ऐसे एनकाउंटर नियमित रूप से होने चाहिए. याचिका में आरोप लगाया गया कि अक्षय शिंदे एक "राजनीतिक पीड़ित" थे और अलका और उनके परिवार को समाज से नफरत झेलनी पड़ी, क्योंकि कुछ राजनेताओं ने उनके बेटे को राक्षस घोषित कर दिया और उनके अंतिम संस्कार का भी विरोध किया.
नहीं मिल रहा काम
परिवार की शिकायत यह है कि अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने से पहले ही उनके बेटे को दोषी ठहराया गया था. परिवार का कहना है कि उनकी बदनामी के कारण उन्हें मैनुअल सफाई का काम नहीं मिल रहा है और उन्हें जीवनयापन के लिए भीख मांगने का सहारा लेना पड़ रहा है.
अलका शिंदे द्वारा मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में मांग की गई है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए.