महाराष्ट्र के पुणे में दुर्लभ सफेद कोबरा पाया गया है. घोरेपदल गांव में रहने वाले किसान सचिन सोंडकर के घर में यह दुर्लभ नाग मिला है. उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. इस नाग की लंबाई लगभग साड़े 4 फीट से ज्यादा थी.
सर्पमित्र पंकज गाडेकर ने उसे तुरंत पकड़ लिया और वन विभाग की मदद से उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया. जानकारों का कहना है कि आनुवंशिक विकार के कारण सांप का रंग सफेद होता है. इसकी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है.
इस सांप को एल्बिनो कोबरा के नाम से भी जाना जाता है. सफेद रंग और लाल आंखों वाला यह कोबरा अन्य सामान्य सांपों की तुलना में बहुत जहरीला होता है. यह अन्य सांपों की तुलना में दौड़ता भी बहुत तेज है. एल्बिनो को दुनिया के 10 सबसे दुर्लभ एनिमल्स में गिना जाता है.
इस वजह से होता है सफेद रंग
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूरे देश में महज 8 से 10 सफेद कोबरा ही अब तक देखे गए हैं. आमतौर पर कोबरा काले रंग के होते हैं. मगर, इनमें ल्युकेजिम (leukgym) की वजह से सांप के शरीर मे पिगमेंटेशन नहीं होता है और उनका पूरा शरीर सफेद हो जाता है.
इन चार प्रजाति के होते हैं किंग कोबरा
किंग कोबरा (King Cobra) की जो चार प्रजातियां दुनिया में मौजूद हैं, अभी उनको आधिकारिक नाम नहीं दिया गया है. ये हैं- दक्षिणपश्चिम भारत के पश्चिमी घाट वंश, पश्चिमी चीन और इंडोनेशिया का इंडो-चाइनीज वंश, भारत और मलेशिया का इंडो-मलायन वंश और फिलिपीन्स में मिलने वाला लूजॉन आइलैंड वंश.