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अमरावती हत्याकांड: केमिस्ट उमेश की थी आरोपी यूसुफ से दोस्ती, अंतिम संस्कार में भी हुआ था शामिल

महाराष्ट्र के अमरावती में हुई केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के मुख्य आरोपी इरफान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस अब तक इस मामले में इरफान समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार चुकी है. 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी. एनआईए हत्याकांड की जांच कर रही है.

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केमिस्ट उमेश की फाइल फोटो और घटनास्थल पर जांच पड़ताल करती पुलिस.
केमिस्ट उमेश की फाइल फोटो और घटनास्थल पर जांच पड़ताल करती पुलिस.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूसुफ की बहन की शादी के लिए उमेश ने दिए थे रुपये
  • मुख्य आरोपी इरफान नहीं लौटा रहा था रकम: महेश

महाराष्ट्र के अमरावती में मारे गए केमिस्ट उमेश कोल्हे के छोटे भाई महेश कोल्हे ने सनसनीखेज खुलासा किया है. महेश ने कहा कि हत्या के आरोपियों में शामिल यूसुफ मेरे भाई उमेश का बहुत करीबी दोस्त था. महेश ने बताया कि उमेश और यूसुफ साथ में काफी समय बिताते थे. महेश ने बताया कि यूसुफ उमेश के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था.

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महेश ने बताया कि उमेश और यूसुफ का एक दूसरे के घर पर भी आना-जाना था. उन्होंने बताया कि उमेश का वेटरनरी केमिस्ट का कारोबार था जबकि मुख्य आरोपी यूसुफ वेटरनरी अस्पताल में काम करता था. इसकी वजह से भी दोनों एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताते थे. महेश ने बताया कि दोनों के बीच संबंध घरेलू होने के कारण यूसुफ उमेश के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था.

महेश ने बताया कि यूसुफ की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. कई बार मेरे भाई उमेश ने कर्ज देकर यूसुफ की मदद की थी. महेश ने बताया कि जानकारी मिली है कि यूसुफ पर कर्ज की रकम एक लाख रुपए से ज्यादा हो गई थी. 

जानकारी देते उमेश के भाई महेश.

यूसुफ की बहन की शादी के लिए भी दिए थे रुपये

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महेश ने ये भी बताया कि यूसुफ की बहन की शादी के लिए उसे रुपयों की जरूरत थी. इस संबंध में जब उसने उमेश से बात की तो उन्होंने यूसुफ को रुपए दिए लेकिन यूसुफ ने आज तक पैसे वापस नहीं लौटाए. 

महेश ने खुलासा किया कि एक बार यूसुफ ने उन्हें अपने बच्चों को एक मुस्लिम स्कूल में एडमिशन दिलाने के लिए अपने संपर्कों का इस्तेमाल करने के लिए कहा था. स्कूल के प्रधानाचार्य ने उमेश को विशेष रूप से सूचित किया था कि यह उनकी सिफारिश के कारण है कि यूसुफ के बच्चे को स्कूल में एडमिशन मिल रहा है.

अनजाने में व्हाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड किया था मैसेज

51 साल के महेश 54 साल के उमेश के छोटे भाई हैं. महेश ने कहा कि उमेश और उनकी हत्या का आरोपी यूसुफ उस व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन थे, जिसमें उमेश ने अनजाने में नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट को फॉरवर्ड कर दिया था. महेश ने कहा कि उनके भाई को माफी मांगने का मौका तक नहीं मिला.

महेश ने बताया कि उमेश का किसी से कोई झगड़ा नहीं था, वह तेज आवाज में कभी किसी से बात भी नहीं करते थे. उनके 24 साल के मेडिकल स्टोर व्यवसाय में कभी भी विवाद की एक भी घटना नहीं हुई. महेश ने बताया कि एनआईए और एटीएस की उनसे मुलाकात होनी बाकी है.

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