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डॉक्टर की साजिश और मौलाना की रेकी, अमरावती हत्याकांड के ये हैं 7 किरदार

अमरावती में केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के खिलाफ सबसे पहले यूसुफ खान ने माहौल बनाया था, जबकि यूसुफ से उनके बहुत अच्छे रिश्ते थे. यूसुफ की हर मुसीबत को दूर करने में उमेश उसकी मदद करते रहते थे.

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सामने आई सात आरोपियों की तस्वीर
सामने आई सात आरोपियों की तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हत्या की योजना तैयार करने वाला इरफान शेख चलाता था एनजीओ
  • यूसुफ की हर तरह से मदद किया करते थे उमेश कोल्हे

अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसके वेटनरी डॉक्टर दोस्त यूसुफ खान ने रची थी. उमेश के भाई महेश ने दावा किया है कि आरोपी यूसुफ खान उर्फ बहादुर खान उनके भाई का बहुत करीबी दोस्त था.

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यूसुफ की कई बार उमेश मदद कर चुके थे. वो वक्त-वक्त पर यूसुफ को कर्ज भी देते थे. यूसुफ की बहन की शादी और बच्चे के एडमिशन में भी उमेश ने मदद की थी. इतने अच्छे रिश्ते होने के बाद भी उसने उमेश की हत्या की साजिश रच दी. हत्या के अन्य आरोपियों में कोई मौलाना, कोई एनजीओ संचालक तो कई दिहाड़ी मजदूर है.

वायरल मैसेज पर नजर रखता था यूसुफ

पुलिस के मुताबिक उमेश कोल्हे की हत्या में शामिल हर आरोपी ने अलग-अलग साजिश को अंजाम दिया. हत्या में शामिल डॉक्टर यूसुफ खान न सिर्फ सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा शख्स है बल्कि सबसे उम्रदराज भी है. उसका काम वायरल मैसेज पर नजर रखने का था.

बताया जा रहा है कि नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले उमेश कोल्हे के व्हाट्सअप मैसेज पर सबसे पहले यूसुफ की ही नजर पड़ी थी क्योंकि उमेश ने गलती से वो मैसेज उस ग्रुप में शेयर कर दिया था जिसका एडमिन यूसुफ था. आरोप है कि इस मैसेज को यूसुफ ने अपने साथियों तक फैला दिया और उमेश के खिलाफ नफरत का माहौल बनाकर दूसरे लोगों को उकसाया.

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इरफान ने हत्या का प्लान बनाया, टीम तैयार की

साजिश के डॉक्टर ने उमेश के खिलाफ जब माहौल तैयार किया तो एनजीओ चलाने वाला मास्टरमाइंड शेख इरफान उसकी हत्या की साजिश को अंजाम देने का प्लान तैयार करने लगा. उसने इस साजिश में सबसे पहले मौलाना मुदस्सिर अहमद उर्फ सोनू रजा शेख इब्राहिम को चुना और उमेश कोल्हे की रेकी का जिम्मा सौंपा.

इसके बाद इरफान ने साजिश में दिहाड़ी मजदूर 25 साल के शाहरुख पठान, 24 साल के अब्दुल तौफीक, 22 साल के शोएब खान उर्फ भूरिया और 22 साल के आतिब रशीद को शामिल किया. आरोप है कि पूरी साजिश तैयार होने के बाद 21 जून की रात शाहरुख और आतिब ने उमेश के गले में खंजर घोंप दिया. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इनमें से किसी का कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है.

वारदात से पहले का वीडियो सामने आया

हत्याकांड के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो वारदात से पहले के कुछ सीसीटीवी फुटेज उनके हाथ लगे. वीडियो में काले कपड़े पहने तीन आरोपी रेकी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक अन्य फुटेज में तीनों आरोपी हत्या करने के लिए घटनास्थल की तरफ जाते दिख रहे हैं.

पुलिस की भूमिका पर भी उठ रहे हैं सवाल

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अमरावती हत्याकांड में पुलिस भी सवालों के घेरे में है. पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने जान-बूझकर हेट क्राइम को लूटपाट के लिए हुई हत्या बताया और नूपुर के समर्थन में पोस्ट करने की वजह को छिपाया जबकि महाराष्ट्र ATS इस मामले की जांच पहले से ही आतंकी एंगल से कर रही थी.

मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने NIA को केस सौंप दिया और टीम ने अमरावती पहुंच कर एफआईआर दर्ज कर ली. एफआईआर में मुदस्सिर अहमद, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान, आतिब राशिद, युसूफ खान, शाहिम अहमद और इरफान खान समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है. 

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