अमरावती में केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की हत्या के मामले में सांसद नवनीत राणा के आरोपों का सामना कर रहीं पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस जानती थी कि केमिस्ट की हत्या नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाली पोस्ट को लेकर हुई थी. यह मामला बहुत ही संवेदनशील था, इसलिए इतनी जल्दी इसका खुलासा नहीं किया गया.
आरती सिंह ने बताया कि वारदात के बाद हमने परिजनों से बात की थी. उस समय नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने को लेकर उमेश कोल्हे या उनके परिवार को कोई खतरा नहीं था. यहां तक कि हमने उनका फोन भी चेक किया लेकिन उसमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली थी. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमने आरोपी को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सबूतों और बयानों के आधार पर हमें पता चला कि हत्या नूपुर के समर्थन में पोस्ट करने के कारण हुई है. इसका मतलब यह नहीं है कि हम केवल चोरी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे. हम सभी एंगल पर काम कर रहे थे.
307 का केस दर्ज करने पर आरोप लगा रहीं
अमरावती की पुलिस कमिश्नर आरती सिंह ने सांसद के आरोपों का भी जवाब दिया है. उन्होंने दावा किया कि राणा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने चोरी और डकैती का मामला दर्ज किया है, जो कि सच नहीं है. उन्होंने बताया कि हमने सिर्फ हत्या का मामला दर्ज किया है. CP ने बताया कि राणा दंपति के खिलाफ पुलिस ने धारा 307 यानी हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया है, इसलिए वह उनके खिलाफ आरोप लगा रही हैं.
पूरी तरह से ब्लाइंड था केस: आरती सिंह
सीपी ने बताया कि सांसद का साइन किया हुआ लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि पुलिस ने डकैती का केस दर्ज किया है. बाद में मामले को बंद कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि एफआईआर में धाराओं का स्पष्ट जिक्र किया गया है. यह पूरी तरह से ब्लाइंड केस था.
उन्होंने बताया कि हत्या की सूचना मिलते ही मैं और मेरे कुछ अधिकारी घटना स्थल पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी. इस मामले में 7 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने इस मामले में कहीं भी यह नहीं कहा कि चोरी या लूट हुई है और न ही ऐसी शिकायत रजिस्टर की है. उन्होंने बताया कि 8वां आरोपी शमीर अभी फरार है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
दबाव में कार्रवाई कर रही है पुलिस: सासंद
अमरावती की सांसद नवनीत राणा लगातार पुलिस पर हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रही हैं. नवनीत ने 2 जुलाई को कहा था कि पुलिस ने 12 दिन के बाद माना कि यह मामला उदयपुर की घटना की तरह ही नूपुर शर्मा से जुड़ा हुआ है.
इतने दिन तक पुलिस कहती रही कि यह डकैती का मामला है. पुलिस ने सरकार के दबाव में कार्रवाई की. सरकार खुद पर कोई दाग नहीं चाहती थी, इसलिए दबाव में पुलिस तथ्य छुपाती रही. उन्होंने इसके लिए पुलिस कमिश्नर आरती सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने केंद्र सरकार से आरती सिंह पर कार्रवाई की मांग की है.