शिवसेना के 11 सांसदों पर एक मुसलमान कैटरिंग सुपरवाइजर को जबरन रोटी खिलाकर रोजा तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगा है. इस आरोप की धमक बुधवार को संसद में भी सुनाई दी. विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया और आरोपी सांसदों पर कार्रवाई की मांग की. हंगामा इतना बढ़ा कि दोनों सदनों की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
इससे पहले बवाल बढ़ता देख बीजेपी सांसद
गोपाल शेट्टी ने सदन में शिवसेना की ओर से माफी मांग ली, लेकिन शिवसेना ने आरोपों को खारिज कर
दिया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी पार्टी हिंदुत्ववादी है, लेकिन किसी धर्म की विरोधी नहीं है.
वहीं बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि अगर यह खबर सही है तो केंद्र सरकार को तुरंत कार्रवाई करते हुए शिवसेना सांसदों को गिरफ्तार करना चाहिए. अब घटना का वीडियो भी सामने आ गया है, जिसमें शिवसेना सांसद कैंटीनकर्मी के मुंह में जबरन रोटी डालते नजर आ रहे हैं.
मालूम ही नहीं था कि वह मुसलमान है: शिवसेना
शिवसेना सांसद आनंद राव ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि घटना के समय वह मौके पर
मौजूद थे. उन्होंने कहा, 'उसे रोटी खाने के लिए मजबूर नहीं किया गया. बल्कि उस समय तक तो हम
जानते ही नहीं थे कि वह मुसलमान है. हम खराब खाने का विरोध कर रहे थे. उसे रोटी खाने के लिए इसलिए कहा गया क्योंकि वह बहुत बुरी बनी थी. मीडिया इसे दूसरा रंग देने की कोशिश न करे.'
शिवसेना सांसद
संजय राउत ने कहा कि यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं. महाराष्ट्र सदन में तमाम दिक्कतों का सामना करना
पड़ता है इसीलिए मैं वहां नहीं रुकता.
हालांकि आईआरसीटीसी का दावा है कि जिस वक्त यह घटना हुई, कर्मचारी, जिसका नाम अरशद जुबैर है, ने अपनी नेमप्लेट लगा रखी थी. ऐसे में तर्क दिया जा रहा है कि इस बात की संभावना कम ही है कि सांसद उसके नाम से नावाकिफ रह गए हों.
कैटरिंग का जिम्मा संभाल रही IRCTC ने की सांसदों की शिकायत
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र का व्यंजन न
परोसे जाने से नाराज शिवसेना के 11 सांसदों ने कैटरिंग सुपरवाइजर अरशद के साथ बुरा व्यवहार किया.
घटना के दिन अरशद रोजे से थे. सांसदों की इस बदसलूकी के खिलाफ कैटरिंग का जिम्मा संभाल रही
आईआरसीटीसी ने सदन में अपनी सेवाएं बंद कर दी.
आईआरसीटीसी ने घटना के विरोध में महाराष्ट्र रेजीडेंट कमिश्नर को शिकायत की. कमिश्नर ने
शिकायत मिलते ही अरशद और आईआरसीटीसी से माफी मांगी और अरशद से मिलकर सरकार की तरफ
से संवेदनाएं व्यक्त करने की इच्छा जताई.
इन 11 सांसदों पर है आरोप
आईआरसीटीसी ने जिन 11 सांसदों पर बदसलूकी का आरोप लगाया है, वे हैं, संजय राउत, आनंद
राव अदसुल, रंजन विचारे, अरविंद सावंत, हेमंत गोडसे, क्रुपल टुमाने, रविंद्र गायकवाड, विनायक राउत,
शिवाजी पाटिल, राहुल शेवाले और श्रीकांत शिंदे.
महाराष्ट्र सरकार ने मामले में जांच कर जरूरी कदम उठाने की बात कही है. शिवसेना सांसदों ने अरशद के आरोप को गलत बताया. सांसदों ने कहा, सदन में हमारे साथ बुरा व्यवहार किया गया लेकिन हमने किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया.
रेजीडेंट कमिश्नर से की गई थी शिकायत
17 जुलाई को आईआरसीटीसी के डिप्टी जीएम
शंकर मल्होत्रा ने महाराष्ट्र रेजीडेंट कमिश्नर बिपिन मलिक को लिखे ई-मेल में कहा, 'महाराष्ट्र सदन में हुई
एक मीटिंग में सांसदों को कैटरिंग, हाउसकीपिंग की दिक्कतें थीं. इन लोगों को ये दिक्कतें बीते कई महीनों से
महाराष्ट्र सदन में हो रही थीं. घटना वाले दिन सांसद पब्लिक हॉल में आए और किचन समेत सदन के
बाकी कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार करने लगे.'
मल्होत्रा ने ई-मेल में लिखा, 'गुस्साए सांसदों ने कैटरिंग सुपरवाइजर अरशद को रोजे में जबरदस्ती रोटियां खिलाने की कोशिश की. अरशद के साथ जिस वक्त यह व्यवहार किया जा रहा था, उसने उस वक्त अपनी वर्दी और नेम प्लेट लगा रखी थी.' शिकायत मिलने के बाद रेजीडेंट कमिश्नर ने घटना पर गहरा दुख जताया.