आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी 'मेसर्स रिलायंस एनर्जी' ने उपभोक्ताओं से इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रिसिटी पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और यूनिट पर इलेक्ट्रिसिटी टैक्स वसूल तो कर लिया है, लेकिन सरकार की तिजोरी में अभी तक जमा नहीं किया है.
मुंबई में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को आरटीआई से मिली जानकारी बेहद चौंकाने वाली है. जून 2017 से अक्टूबर 2017 तक, 5 महीनों में 1451 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बकाया है जो अभी तक नहीं चुकाई गई है.
महाराष्ट्र सरकार से अनिल गलगली ने 'मेसर्स रिलायंस एनर्जी' कंपनी की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की बकाया रकम की जानकारी मांगी थी और इसमें जो जानकारी मिली उसके मुताबिक जून 2017 में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की रकम 103,85,87,500 रुपये और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की रकम 14,14,58,200 रुपये है, जिसे 31 जुलाई 2017 तक अदा नहीं किया गया था.
इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2017, 4 महीने की बिजली ड्यूटी 419,10,84,100 रुपये और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में 43,14,99,900 रुपये है. टॉस (0.15 पैसे ) एवं रुपये 11,24,23,800 ग्रीन सेस (0.08 पैसे) ऐसे कुल मिलाकर 473,50,07,800 रुपये की रकम अदा नहीं की गई है. कुल मिलाकर जून 2017 से अक्टूबर 2017 तक 5 महीने का कुल 591,50,53,500 रुपये की रकम बकाया है.
मुंबई सेंट्रल स्थित विद्युत निरीक्षक, मुंबई निरीक्षण विभाग ने अनिल गलगली को बताया कि अक्टूबर 2016 से मई 2017 तक 8 महीनों की 860,18,61,700 रुपये की रकम अदा नहीं की गई है.
अगर हम नियम देखें तो नियम कुछ अलग ही बयां करते हैं. महाराष्ट्र बिजली ड्यूटी अधिनियम 2016 में नियम 11 के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी डयूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स तयशुदा समय पर अदा नहीं करने पर पहले 3 महीने के लिए वार्षिक 18% रेट और उसके बाद रकम जमा करने तक वार्षिक 24% रेट से ब्याज वसूला जाएगा.
गलगली का कहना है कि उनके आरटीआई के बाद प्रशासन गहरी नींद से उठा है, और 3 नवंबर 2017 को मेसर्स रिलायंस एनर्जी को पत्र भेजकर बकाया इलेक्ट्रिसिटी डयूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स ब्याज सहित अदा करने के निर्देश जारी किए हैं. मुंबई निरीक्षण विभाग ने भी मेसर्स रिलायंस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इस पूरे मामले में अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर उनका ध्यान इस विषय पर आकर्षित किया है. गलगली ने खत में लिखकर मेसर्स रिलायंस एनर्जी कंपनी से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और टैक्स की बकाया राशि ब्याज सहित वसूल करने की मांग की गई है.
साथ ही रिलायंस कंपनी से जुड़े सभी बैंक एकाउंट का ऑडिट नहीं होता और जब तक सभी प्रकार की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और टैक्स वसूल नहीं होता तब तक रिलायंस इलेक्ट्रिसिटी कंपनी की बिक्री को मान्यता नहीं दे.